राजस्थान में बारां के मांगरोल में हर बार चुनावों के वक्त सभी राजनीतिक दलों द्वारा किसानों के बीच की जाने वाली घोषणाओं के बाद भी खेती किसानी से जुड़ी मूलभूत एवं अतिआवश्यक समस्याओं का समाधान किसानों के काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हो पाता है.
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Anta, Baran News: बारां के मांगरोल में हर बार चुनावों के वक्त सभी राजनीतिक दलों द्वारा किसानों के बीच की जाने वाली घोषणाओं के बाद भी खेती किसानी से जुड़ी मूलभूत एवं अतिआवश्यक समस्याओं का समाधान किसानों के काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हो पाता है. बेबस किसान चुनावी घोषणाओं को धरातल पर आने तथा उनके अच्छे परिणामों की आस में 5 साल इंतजार करता है.
फिर चुनाव आते ही पुरानी घोषणाओ पर पर्दा डालकर नई घोषणाओं का अंबार लगा दिया जाता है. केंद्र और राज्य सरकार के वर्तमान बजट से किसानों को काफी उम्मीद थी मगर दोनों ही दलों ने अपनी घोषणाओं के अनुशार न कर्ज माफी का वादा पूरा किया और न ही फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया. इसी बात से नाराज़ किसान अब वादा खिलाफी करने वाले दलों और उनके प्रतिनिधियों को सबक सिखाने की तैयारी में जुटा रहा है.
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सयुक्त किसान संघर्ष समिति के 11वें स्थापना दिवस पर कृषि उपज मंडी मांगरोल में आयोजित किसान महासम्मेलन में विधान सभा क्षेत्र से तकरीबन 110 गांवों से बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने एक स्वर में कहा कि गत विधान सभा और लोक सभा चुनाव में दोनों ही दलों की ओर से राष्टीयकृत बैंको से जुड़े किसानों की कर्ज माफी का वादा किया गया था, जो आज भी अधूरा है.
फसलों का समर्थन मूल्य तथा फसल खरीद गारंटी कानून लागू करने के साथ साथ किसान की आय को दोगुना बढ़ाने एवं जंगली और आवरा जानवरों से फसलों की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम हेतु पंचायत मुख्यालयों पर गोशालाओं का निर्माण करवाने की घोषणा बड़े जोर शोर से की गई थी, जो आज भी लंबित पड़ी हुई हैं.
सिंचाई हेतु दिन में 10 घंटे तथा घरेलू रूप से 24 घंटे बिजली की घोषणा के बाद भी वर्तमान में ग्रामीण इलाकों में हर रोज बिजली कटौती जारी कर दी गई है. साथ ही साथ ग्रामीण इलाकों में पिछले 5 सालों से सड़कें पूरी तरह खस्ताहाल पड़ी हैं. वहीं, क्षेत्र की ग्रामीण जनता को साफ पानी का सपना दिखाकर वर्तमान में भी गांवों के लोगों को फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को विवश किया जा रहा है. फ्लोराइड युक्त पानी के कारण ग्रामीण इलाको में लोगों में कई बीमारियां पनप रही हैं, जो आम जनता के जीवन से खिलवाड़ हैं.
आगामी चुनावों में परिणाम निश्चित ही विपरीत होंगे
सभा को राकेश मीणा नेनुराम बैरवा शिशुपाल मीणा, राजेन्द्र मीणा, नदलाल मीणा, मांगरोल चेयरमैन कोशल सुमन, महावीर पांचाल, मनोज कुमार, सीमा खान, दिलीप मीणा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि पहले केंद्र और राज्य सरकार अपनी अधूरी घोषणाओं को पूरा करे. फिर किसानों के बीच वोट मांगने आए अन्यथा अधूरी घोषणाओं पर आगामी चुनावों में परिणाम निश्चित ही विपरीत होंगे.
सयुक्त किसान संघर्ष समिति के सयोजक रामचंद्र मीणा ने कहा कि क्षेत्र का किसान दोनो ही सरकारो से उम्मीद लगाए बैठा है. किसानों का साथ पाना है तो किसानों की वाजिब समस्याओं का समाधान अनिवार्य है. वर्तमान में किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय लोकतांत्रिक तरीके से किसानों की आवाज़ उठाने वाले किसान प्रतिनिधियों को ही प्रताड़ित करवाया जा रहा है, जिससे किसानों में सहानुभूति की जगह सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है.
ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर महावीर मूडली, शोभाग मुंडला, महावीर धुमर खेड़ी, गंगाधर मीणा, रामरतन मीना, रणवीर बैरवा, रामगोपाल, दिनेश कुमार, शोभाग धाकड़, गिरिराज मीणा, सत्यनारायण महेंद्र मीणा सहित बड़ी संख्या में किसान शमिल थे.
सभा के दौरान, उपस्थित किसानों द्वारा सर्व सम्मति से अपनी मुख्य समस्याओं को चिंहित कर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें मुख्य रूप से किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी और 2022 खरीफ फसलों का अभी तक रुका हुआ मुआवजा राशि को तत्काल जारी करना क्षेत्र में 2020,2021 के बीमा क्लेम से वंचित रहे भटवाड़ा गांव और अन्य किसानों को बीमा राशि जारी करने सहित अन्य मांगों को प्रमुखता से प्रस्ताव में शामिल कर सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की गई.