दंपत्ति का आरोप है की वसुंधरा राजे द्वारा रखी गई बाड़े बंदी तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन भंवरगढ़ में विधायक प्रताप सिंह सिंघवी बस में घुसे उसके बाद जिलाध्यक्ष की तरफ से कोडिंग भी निरस्त कर दी गई. ऐसे में उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों पर भी मिलीभगत करने का आरोप लगाया
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Baran : राजस्थान के बारां जिला परिषद में जिला प्रमुख के हुए चुनाव में बीजेपी सदस्यों के क्रॉस वोटिंग का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. क्रॉस वोटिंग के ठीक बाद जहां बारां सांसद दुष्यंत सिंह के दफ्तर पर पथराव हो गया और उसके बाद क्रॉस वेटिंग करने वाले का पता करने के लिए हाई लेवल कमिटी भी बनाई गई. वही अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा है.
लेकिन 4 महीने से अधिक हो जाने के बाद भी ना तो कमेटी में वोटिंग करने वाले का नाम उजागर हुआ और ना ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सका. इसी के चलते जिला परिषद के वार्ड नंबर 6 से भाजपा की सदस्य मुकेश मीणा ने आहत होकर भाजपा पार्टी की सदस्यता पर इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उनके पति पूर्व सरपंच भवानी मीणा ने भी भाजपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दंपत्ति का कहना है कि 1 की क्रॉस वोटिंग के चलते पार्टी को हार मिली, लेकिन उससे ज्यादा जलालत बाकी जीते सदस्यों को उठानी पड़ रही है. उन्हें जिताकर भेजने वाले भी उन्हें शक भरी निगाहों से देखते हैं. कई बार पार्टी पदाधिकारियों को नाम उजागर की कहने के बावजूद पार्टी ने अब तक क्रॉस वोटिंग करने वाले का नाम उजागर नहीं किया. जिसे आहत होकर जिला परिषद सदस्य और उनके पति पूर्व सरपंच ने भाजपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दंपत्ति का आरोप है की वसुंधरा राजे द्वारा रखी गई बाड़े बंदी तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन भंवरगढ़ में विधायक प्रताप सिंह सिंघवी बस में घुसे उसके बाद जिलाध्यक्ष की तरफ से कोडिंग भी निरस्त कर दी गई. ऐसे में उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों पर भी मिलीभगत करने का आरोप लगाया.
रिपोर्टर- राम मेहता
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