Barmer: लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन की विदाई,अब होगी सुखोई से दुश्मम पर चढ़ाई उसके बाद उसकी उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन से की विदाई हो गई है. बाड़मेर में मिग-21 की एकमात्र स्क्वॉड्रन थी.
Trending Photos
Barmer: लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन की विदाई,अब होगी सुखोई से दुश्मम पर चढ़ाई उसके बाद उसकी उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन से की विदाई हो गई है. बाड़मेर में मिग-21 की एकमात्र स्क्वॉड्रन थी. इसे पांच साल पहले पुर एयरफोर्स स्टेशन से भेजी गई थी.
अब पूरे देश में पंजाब सहित दो-तीन स्थानों पर ही मिग-21 की दो-तीन स्क्वॉड्रन सक्रिय है.
एलसीए मार्क-1ए ने किया रिप्लेस
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 3 अक्टूबर को जानकारा देते हुए कहा था कि 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल बंद हो जाएगा . mig 21 स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क-1ए से बदल दिया जाएगा.चौधरी ने कहा था किLCA Mark-1A के शामिल होने से mig 21 की कमी पूरी हो जाएगी. इस बदलाव का कारण देश के आसमान को आधुनिक बनाने और उसकी सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
इसे भी पढ़े: चांद के दीदार के बाद पति संग ले लाजवाब पूरी सब्जि का स्वाद , ये है सालों पुरानी दुकान
कई युद्ध में बलसाया था कहर
उड़न ताबूत कहा जाने कहा जाने वाला मिग-21 ने 1971 के युद्ध के दौरान कई पाकिस्तानी शहरों पर बमबारी कर दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए थे. तो चीन से 1962 में युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना ने अगले ही वर्ष रुस से मिग-21 विमान खरीदे थे. 40 साल (40 years )तक जोधपुर में मिग-21 की कई स्क्वॉड्रन रही. साल 2017 में एकमात्र बची स्क्वॉड्रन को बाड़मेर शिफ्ट कर दिया, जहां सोमवार (30 november ) को इसकी विदाई हो गई.
भारतीय वायुसेना के पास 872 विमानों का बेड़ा था. जिसमें करीब 500 विमान क्रेश हो चुके हैं जिसमें से 172 पायलट की जान जा चुकी है. जिसमें 39 आम नागरिक भी थे.इसी कारण इनको उड़न ताबूत कहा जाने लगा था.
इसे भी पढ़े :अशोक गहलोत की 7 गारंटियों का सचिन पायलट करेंगे प्रचार, इन 6 नेताओं को भी जिम्मेदारी