बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक हाईपावर कमेटी बनाई है, जो कि आज डीग तहसील के गांव पसोपा में धरना स्थल व अडिबद्रीनाथ के पर्वतों का निरीक्षण कर ग्रामीणों से जानकारी लेकर एक रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेगी.
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भरतपुर: ब्रज कि धार्मिक महत्व के पर्वतों को बचाने कि लिए भले ही संत विजयदस ने अपने प्राणों की आहुति दे दी और वह कल पंचतत्व में विलीन भी हो गए. लेकिन अभी भी यह मामला शांत होता नज़र नही आ रहा है. अब हर कोई यह सवाल उठा रहा है क़ि दिवंगत संत विजयदास को यह कदम क्यों उठाना पड़ा? सवाल बड़ा है और अहम है. अब राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर बाबा विजयदास के निधन पर दुःख जताते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की है और ईश्वर से उन्हें अपने श्री चरनो में स्थान देने की प्रार्थना की है.
साथ ही बाबा विजयदास के परिजनों को सरकार की और से पांच लाख की सहायता देने की घोषणा भी की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे मामले की जाँच प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी से कराने की भी बात कही है. सीएम ने कहा है की आख़िर क्या वजह रही कि जब राजस्थान सरकार साधू संतो की मांग पर अपनी सहमति दे चुकी थी तो आंदोलनरत संतो में से बाबा विजयदास को यह कदम उठाना पड़ा ?
जिस सवाल का हल जांचने की बात अब सरकार के मुखिया अशोक गहलोत कर रहे हैं, वहीं सवाल बीजेपी तो पहले से ही उठा रही है. यही नही कांग्रेस के नेता और विधायक भी उठा रहे हैं. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि लालफ़ीताशाही के ग़ैर ज़िम्मेदारना रवैये की वजह से संत विजयदास को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और सरकार की किरकिरी हुई. बीजपी को एक बड़ा मुद्दा मिल गया. जिसको बीजेपी अब छोड़ना नही चाहती है.
यही वजह है क़ि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक हाईपावर कमेटी बनाई है, जो कि आज डीग तहसील के गांव पसोपा में धरना स्थल व अडिबद्रीनाथ के पर्वतों का निरीक्षण कर ग्रामीणों से जानकारी लेकर एक रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेगी. इस कमेटी में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी पार्टी महासचिव अरुण सिंह ,पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद सत्यपाल सिंह ,सांसद ब्रजलाल पूर्व डीजीपी यूपी ,सीकर सांसद सुमेधांनंद सरस्वती शामिल हैं. इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया द्वारा बनाई गई कमेटी ने बाबा बालकनाथ के साथ संतों के साथ बरसाना में बैठक की. वहीं, गांव पसोपा सहित आसपास के ग्रामीणों ने संत विज़य दास के अंतिम संस्कार के बाद ग़ोशला में बैठक कर आगे के आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की.
वहीं, संतो के प्रतिनिधि मंडल को प्रियंका गांधी से मिलाने वाले मथुरा यूपी के सीनियर कांग्रेस लीडर पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने इसके लिए लाल फ़ीताशाही को ही ज़िम्मेदार ठहराया है, और संत विजयदास के आत्मदाह की घटना से अवगत कराया है, कहा की सीएम अशोक गहलोत तो पहले से ही मामले में सहमति दे चुके थे तो अफ़सरों ने या जो मंत्री वार्ता कर रहे थे उन्होंने साधुओं को सरकार की तरफ़ से सहमति पत्र क्यों नही दिया? लालफ़ीताशाही के ग़ैर ज़िम्मेदारना रवैए की वजह से संत विजयदास को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और सरकार की किरकिरी हुई. बीजपी को बेठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया जिसको बीजेपी अब छोड़ना नही चाहती है.
Reporter- Devendra Singh
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