बीकानेर मूल के पंकज ओझा ने अमेरिकी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट के सामने कहा कि विश्व की समृद्धतम भाषाओं में प्रमुख स्थान राजस्थानी भाषा का फिर भी प्रदेश और देश में उचित सम्मान नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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बीकानेर: राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर कई दशकों से माँग उठती आ रही है तो वही बीकानेर के सर्किट हाउस में इसको लेकर मंथन किया गया जहा अमेरिका के ड्यूश बैंक ऑफ अमेरिका के वाइस प्रेसिडेंट पंकज ओझा इन दिनों बीकानेर के दौरे पर हैं. राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने की मांग पंकज ओझा भी लंबे समय से कर रहे हैं.
पंकज ओझा ने कहा कि विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक है और भारतीय भाषाओं की बात करें तो भी प्रमुख स्थान राजस्थानी भाषा का है व्याकरण की दृष्टि के साथ साथ भाषा वैज्ञानिकों की दृष्टि से और अन्य समस्त विशेषताओं से परिपूर्ण होते हुए भी इसको देश और प्रदेश में उचित सम्मान नहीं मिलना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
राज्य सरकार को राजस्थान विधानसभा के इसी बजट सत्र में राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाना चाहिए, जिससे राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके. राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को केंद्र की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु भारत सरकार पर भी पूर्ण बनाना दबाव बनाना चाहिए.
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राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा क्यों नहीं
राजस्थान सरकार अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ झारखंड आदि राज्यों की तरह राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा दे सकती है. अन्य राज्यों की कई भाषाएं केंद्र की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं होते हुए भी राजभाषा के रूप में विद्यमान हैं. उसी प्रकार राजस्थानी भाषा को भी राजभाषा का दर्जा देना चाहिए. राजस्थान सरकार जब राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देगी तो केंद्र सरकार पर भी राजस्थानी का पक्ष मजबूती से उभरेगा.
विदित है कि राजस्थानी भाषा का संघर्ष स्वतंत्रता से पहले का चला रहा है फिर भी राजस्थानी भाषा को अब तक उचित स्थान,सम्मान नहीं मिला है यहां तक कि राजस्थान सरकार के 160 से ज्यादा विधायकों ने राजस्थानी को राजभाषा बनाए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखे हैं तो क्यों न सरकार अपने ही विधान सभा के सदस्यों तथा राजस्थान की जन भावनाओं का सम्मान करते हुए राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा प्रदान करें. यह उद्गार व्यक्त करते हुए अमेरिका के ड्यूच बैंक ऑफ अमेरिका के वाइस प्रेजिडेंट पंकज ओझा ने कहा कि राजस्थान का युवा अब जाग चुका है अतः केंद्र सरकार और राज्य सरकार को राजस्थानी भाषा का उचित सम्मान देना चाहिए.
पंकज ओझा का हुआ स्वागत
इससे पहले सर्किट हाउस बीकानेर पधारने पर शिवराज बिश्नोई (पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा) और दिलीप पूरी ( भाजपा नेता) के नेतृत्व में पंकज जी का भव्य स्वागत सम्मान किया गया इसके साथ ही राजस्थानी मोट्यार परिषद के पदाधिकारियों तथा पंकज जी ओझा के बीच राजस्थानी भाषा को लेकर विचार-विमर्श हुआ. राजस्थानी की विशेषताओं से राजस्थान में होने वाले फायदे, राजस्थानी संस्कृति,रोजगार,साहित्य आदि के बारे में विस्तार से विचार विमर्श किया गया. इसके बाद पंकज ओझा मीडिया से रूबरू हुए और उन्होंने मीडिया के समक्ष राजस्थानी भाषा के प्रति अपना पक्ष रखा.
राज्य और केंद्र सरकार नहीं दे रहा ध्यान
मोट्यार परिसद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने भाषा की विशेषताओं से रूबरू करवाते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा का मुद्दा अस्मिता से जुड़ा हुआ है फिर भी राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है
भाजपा पार्षद सुधा आचार्य ने कहा कि राजस्थानी भाषा के राजभाषा बनने से राजस्थान के लाखों युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा.