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चित्तौड़गढ़: जन चेतना मंच राजस्थान संस्था ने घटियावली रोड स्थित रैदास पैनोरमा स्थल एवं भोईखेड़ा स्थित गोरा बादल पैनोरमा का मुआयना कर दोनों की दुर्दशा पर रोष व्यक्त किया. चेतना मंच के प्रांतीय अध्यक्ष हेमंत शर्मा, प्रांतीय संरक्षक डॉ आई एम सेठिया एंव जिला अध्यक्ष एस के शर्मा ने जिला प्रशासन को अगाह किया कि अगले 3 दिन में यदि रैदास पैनोरमा एवं गोरा बादल पैनोरमा की सुध नहीं ली गई तो मुख्यमंत्री महोदय के प्रस्तावित चित्तौड़गढ़ दौरे के पूर्व मंच के सदस्य 17 नवंबर 2022 को जिला कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल बजाकर जिला प्रशासन को जगाएंगे एवं मुख्यमंत्री महोदय का भी ध्यान आकर्षित किया जाएगा.
मंच का मानना है कि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष के चित्तौड़गढ़ में होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा इन पैनोरमा की सुध नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है एवं मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के 5 नए पैनोरमा का शिलान्यास एवम उद्घाटन करने का कोई औचित्य नहीं है. जिला प्रशासन को चाहिए कि वह इन ऐतिहासिक पैनोरमा जेसी धरोहरों के संरक्षण के लिए स्वयं पहल करें ताकि आम जन तथा पर्यटक इनको देख कर इतिहास से रूबरू हो सके.
सड़क मार्ग का डामरीकरण होना जरूरी
जनचेतना मंच एवम स्थानीय निवासी नारायण लाल भाई व कन्हैयालाल भोई की मांग है कि गोरा बादल की मूर्ति पर कवर्ड शेड लगवा कर उन पर नाम भी अंकित होना चाहिए एवं सड़क मार्ग का डामरीकरण भी होना चाहिए. आमजन एवं पर्यटकों को आकर्षित करने के मद्देनजर रेलवे स्टेशन बस स्टैंड से पैनोरमा स्थल तक संकेतिक बोर्ड एवं वहा पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति भी की जाए. ताकि पैनोरमा को एक पर्यटक स्थल के रूप मे स्थापित किया जा सके व दर्शकों को ऐतिहासिक प्रेरणा मिल सके.
प्रशासन ले विकास की सुध
जिले के जनप्रतिनिधियों से भी इन पर्यटक स्थलों की सुध लेने की मांग की है. गोरा बादल पैनोरमा का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था. वहीं, रैदास पेनोरमा का उद्घाटन 9 अगस्त 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था, अब जिला प्रशासन को चाहिए कि मुख्यमंत्री जी के दौरे से पूर्व इन पैनोरमा के विकास की सुध ले.
Reporter- Deepak vyas