Chittorgarh News: एक आरटीआई कार्यकर्ता ने नारकोटिक्स विभाग और सीबीआई के नारकोटिक्स विंग को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण मामले की शिकायत की थी. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक मंदिर से 58 किलो से अधिक अफीम को सीज कर लिया.
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Chittorgarh News: एक आरटीआई कार्यकर्ता ने नारकोटिक्स विभाग और सीबीआई के नारकोटिक्स विंग को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण मामले की शिकायत की थी. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक मंदिर से 58 किलो से अधिक अफीम को सीज कर लिया. अब इस मामले की आगे की जांच की जा रही है.
चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध श्री सांवलियाजी सेठ मंदिर में एक बड़ी घटना घटी है, जहां चढ़ावे के रूप में एकत्र हुई 58 किलो से अधिक अफीम को केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है. मंदिर मंडल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नीमच और प्रतापगढ़ की नारकोटिक्स विभाग की दो टीमों ने मंदिर पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर मंडल के सदस्यों के साथ गर्भगृह के नीचे बने तहखाने में रखी अफीम की जांच की.
अफीम की जांच और तोलने के लिए नारकोटिक्स विभाग की टीम इलेक्ट्रॉनिक कांटे लेकर आई थी. इस प्रक्रिया में लगभग चार घंटे लगे, जिसमें अफीम को तौला गया और संबंधित कागजी कार्रवाई पूरी की गई.
जानकारी के अनुसार, यह अफीम पिछले कुछ वर्षों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ावे के रूप में मंदिर के भंडार में जमा हुई थी. विशेष रूप से, मेवाड़ और मालवा के अफीम किसान अच्छी फसल होने पर या तस्करों से सुरक्षित अफीम ले जाने के बदले मंदिर में मन्नत मांगते थे. जब उनकी मन्नत पूरी होती थी, तो वे नकदी के साथ-साथ प्लास्टिक की थैलियों में थोड़ी मात्रा में अफीम भी भंडार में चढ़ा देते थे. यह परंपरा सालों से चली आ रही थी और मंदिर के भंडार में बड़ी मात्रा में अफीम जमा हो गई थी.
हाल ही में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने नारकोटिक्स विभाग और सीबीआई के नारकोटिक्स विंग को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण मामले की शिकायत की थी. इस पत्र के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और एक मंदिर से 58 किलो से अधिक अफीम को सीज कर लिया. अब इस मामले की आगे की जांच की जा रही है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि यह अफीम मंदिर में कैसे पहुंची और इसके पीछे कौन लोग शामिल थे.
करीब दो-तीन साल पहले तक, मंदिर के पुजारी इस अफीम का न केवल स्वयं उपयोग करते थे, बल्कि विशिष्ट भक्तों को प्रसाद के रूप में भी बांटते थे. इसके अलावा, इस चढ़ावे की अफीम को बेचे जाने की खबरें भी सामने आई थीं. इस मामले ने मंदिर को पहले भी कई बार सुर्खियों में ला दिया था. बाद में, मंदिर मंडल ने सख्ती बरतते हुए अफीम को अपने कब्जे में लेना शुरू किया और इसे गर्भगृह के नीचे बने तहखाने में सुरक्षित रखना शुरू कर दिया.