अमृत महोत्सव के तहत खूब लडी मर्दानी नाटक का मंचन, सुभद्रा के बहाने अनाम वीरांगनाओं को किया याद
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अमृत महोत्सव के तहत खूब लडी मर्दानी नाटक का मंचन, सुभद्रा के बहाने अनाम वीरांगनाओं को किया याद

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित.

अमृत महोत्सव के तहत खूब लडी मर्दानी नाटक का मंचन, सुभद्रा के बहाने अनाम वीरांगनाओं को किया याद

जयपुर: आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित. महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एण्ड टेक्नोलोजी और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित.यूनिवर्सिटी के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ.आरएल स्वर्णकार ऑडिटोरियम में स्वाधीनता संग्राम में कालजयी कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के कृतित्व तथा व्यक्तित्व पर आधारित नाटक ’खूब लड़ी मर्दानी-सुभद्रा की जुबानी का मंचन किया गया.जिसमें स्वाधीनता संग्राम में योगदान करने वाली अनगिनत और गुमनाम वीरांगनाओं के योगदान का स्मरण किया गया.

स्वाधीनता संग्राम में सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा दिए गए योगदान को उभारा गया

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस नाट्य संध्या में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के रंगमंडल के कलाकारों ने आसिफ अली द्वारा लिखित व भारती शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक ‘खूब लड़ी मर्दानी सुभद्रा की जुबानी’ का मंचन किया गया. नाटक का कथानक कालजयी कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर रचना ‘खूब लड़ी मर्दानी’ के इर्द गिर्द घूमती नजर आई.

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सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा स्वाधीनता संग्राम में दिए गए योगदान को नाटक में बखूबी उभारा गया. यूनिवर्सिटी के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ.आरएल स्वर्णकार ने बताया कि महान कवयित्री ने 9 वर्ष की आयु में जहां अपनी रचना ‘नीम का पेड़’ से नाम बढ़ाया वहीं झण्डा आंदोलन का संचालन व नेतृत्व करके पहली महिला सत्याग्रही के रूप में जेल की यात्रा की. वे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के उत्थान की पक्षधर रही. अन्ततः ब्रिटिश सरकार ने डरकर उनकी कविता ‘‘झाँसी की रानी” को जब्त कर लिया.

महिला स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया याद

सुभद्रा कुमारी के साथ-ंसाथ कुछ अकीर्तित और अनाम महिला स्वतन्त्रता सेनानियों के योगदान का भी स्मरण किया गया. इनमें फूलो-झानो, उदा देवी पासी, मूलमती एवं अजीजन बाई जैसी महिलाओं का उल्लेख मिला जिनसे सुभद्रा प्रभावित रही.

नाटक कथा चित्र सुभद्रा के जीवन के उन क्षणों को बयां किया गया जिनसे लोग अनभिज्ञ से थे.नाटक के दृश्यों को जीवंत बनाने के लिये ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था का प्रयोग उत्कृष्ट ढंग से किया गया. नाटक में सुभद्रा की भूमिका निभा रही अदाकारा अनामिका सागर ने अपने अभिनय और हाव-भाव से सुभद्रा कुमारी को मंच पर जीवन्त बनाया.

कार्यक्रम का हुआ लाइव प्रसारण

प्रस्तुति में इनके अलावा अजय कुमार, पूजा गुप्ता, राहुल कुमार, मास्टर आशुतोष बनर्जी, तन्वी गोयल, विजय, सिकंदर कुमार, सुमन पूर्ति आदि शामिल हैं. प्रस्तुति में मंच सज्जा श्याम कुमार सेनानी, वेश विन्यास प्रतिमा पाण्डे व प्रकाश व्यवस्था हिमांशु जोशी की थी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी के एमेरिटस चेयरपर्सन डॉ. एमएल स्वर्णकार ने कहा आजादी के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर स्वाधीनता संग्राम से जुड़े इस नाटक के जरिये युवा पीढ़ी को आजादी की कीमत समझाने का प्रयास किया गया है.कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईएएस किरण सोनी गुप्ता, मधुकर गुप्ता, वाइस चांसलर  डॉ. सुधीर सचदेव ने मंच का संचालन किया.इससे पूर्व रंगमंच पर हर घर तिरंगा’ गान का श्रव्य-दृष्य क्लिप प्रसारित किया गया. कार्यक्रम का लाइव ऑनलाइन प्रसारण भी किया.

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