World News: चीन आपनी अनूठी खोजों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. वह लगातार किसी ऐसी खोजों में जुटा रहता है, जो उसे दुनिया के अन्य देशों से अलग बनाए. इन दिनों वह ऐसी ही एक खोज में जुटा है. बताया जा रहा है कि चीन इन दिनों धरती के अंदर 32 हजार फीट गहरा सुराख कर रहा है, ताकि ज्वालामुखियां और भूकंप जैसी प्राकृतिक विपदाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सके.
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World News, China Drilling: चीन (China) ने अपनी विस्तारना नीति के कारण प्रसिद्धता प्राप्त की है और अब वे भूमि में गड्ढे खोदना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी वैज्ञानिकों द्वारा भूमि की सतह पर, यानी क्रेस्ट में 32,808 फीट गहराई का गड्ढा खोदा जा रहा है. चीनी शिजियांग प्रांत (xijiang province) में वैज्ञानिकों द्वारा यह गहराई का गड्ढा खोदा जा रहा है. शिजियांग में पेट्रोल भी प्रमुख रूप से पाया जाता है. यह गड्ढा 10 से अधिक महाद्वीप या पत्थरी पदरों को भेदकर, पुराने शाफ्ट क्रेटेशस व्यवस्था तक धरती के बाहरी पदर तक जाता है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि पृथ्वी की माटी की ऊपरी परत पर मिलने वाले चट्टानों की आयु लगभग 145 मिलियन वर्ष है. रॉक डेटिंग के माध्यम से चट्टानों की आयु का पता चला है.
यह एक गहरी खाई जैसा है
वर्तमान में मानव द्वारा पृथ्वी पर बनाए गए गहरे खाई का नाम सुपरडीप बोरहोल है. यह लगभग 40,230 फीट गहरा है. इस प्रकार की गहरी खाई को खोदने में 20 वर्ष लगे. इस चीनी योजना के खोदने का कार्य 457 दिनों में पूरा किया जा सकता है. यह मान्यता प्राप्त है. मंगलवार से चीन ने भूमि के अंदर खाई खोदने का कार्य शुरू किया है. वास्तविकता में, चीन भूमि के नीचे गड्ढे के माध्यम से ऊपर और नीचे की सतहों को खोज रहा है. ध्यान देने योग्य है कि मंगलवार को सुबह चीन ने पहली बार मानव को बाह्य अंतरिक्ष में भेजने का निर्णय लिया है.
सुराख खोदना आसान नहीं है!
विज्ञानी सन जिनशेंग ने भूमि में खुदाई के दौरान प्राप्त होने वाली समस्याओं के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं. वह चीनी अकाडेमी ऑफ इंजीनियरिंग (Chinese Academy of Engineering) के सदस्य हैं. रंध्र खोदने के दौरान उन्होंने दो टेलीस्कोपिक तारों पर चलने वाले बड़े ट्रक की तुलना की है. इसी तरह, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) इस योजना के प्रति बहुत उत्सुक हैं. 2021 में देश के महान वैज्ञानिकों से बातचीत करते समय, उन्होंने इस खोज को गतिशील बनाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से ऊर्जा और खनिज संपत्ति की खोज की जा सकती है. इसके अलावा, ज्वालामुखियां और भूकंप जैसी प्राकृतिक विपदाएं भी इसके द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं.
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