राज्य सरकार की ओर से करवाए गए सर्वे में रसद विभाग को यह मालूम चला था कि प्रदेश में ऐसे लाखों सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्होंने गरीबों के राशन पर डाका डाला है, ऐसे में उन सभी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से प्रशासन ने वसूली शुरू कर दी है, जिन्होंने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद गरीबों के हिस्से का ना केवल राशन उठाया है, बल्कि खुद की पहचान को छिपाए रखा है.
Trending Photos
Phulera: राज्य सरकार की ओर से करवाए गए सर्वे में रसद विभाग को यह मालूम चला था कि प्रदेश में ऐसे लाखों सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्होंने गरीबों के राशन पर डाका डाला है, ऐसे में उन सभी सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से प्रशासन ने वसूली शुरू कर दी है, जिन्होंने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद गरीबों के हिस्से का ना केवल राशन उठाया है, बल्कि खुद की पहचान को छिपाए रखा है. ऐसे में राजधानी के रेनवाल तहसील प्रशासन ने सैंकड़ों लोगों से लाखों रुपये की वसूली की है और कई लोग स्वेच्छा से सरकारी पैसा जमा करवा रहे हैं तो कई लोग आनाकानी कर रहे हैं ऐसे लोगों पर प्रशासन ने कार्रवाई का मानस बना लिया है.
खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़ा कर गरीबों का अनाज डकारने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अब एक-एक दाने का हिसाब देना पढ़ रहा है. दरअसल खाद्य सुरक्षा में अनुच्छेद लाभ लेकर गरीबों का राशन आने वाले लोगों पर रेनवाल प्रशासन ने राशि जुर्माना समेत वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है, ऐसे में सरकार द्वारा अनुचित लाभ लेने वाले लोगों से वसूली की जा रही है, ऐसे में लोगों ने इस अभियान की प्रशंसा की है क्योंकि यह लोग गरीबों के हक का लंबे समय से राशन खा रहे थे ऐसे में अब इसे वसूली होगी साथ ही गरीबों को अपने हक का राशन मिल सकेगा.
राज्य सरकार की ओर से सर्वे के बाद सांभर लेक उपखंड अधिकारी के निर्देशन में रेनवाल तहसील प्रशासन लगातार विशेष टीम बनाकर गरीबों का राशन खाने वाले सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों और अपात्र लोगों के खिलाफ लगातार वसूली की कार्रवाई की जा रही है. रेनवाल तहसील क्षेत्र में 394 ऐसे परिवार थे जो इस सुरक्षा का अनुचित लाभ ले रहे थे और उनसे 6930963 रुपये जुर्माना वसूलना था, ऐसे में अब तक 3886102 रुपये की वसूली की जा जुकी है. वहीं नोटिस देने के बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक यह राशि जमा नहीं कराई ऐसे में अब उनके खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं.
राज्य सरकार की यह मुहिम रंग ला रही है कि खाद्य सुरक्षा सर्वे अभियान से पात्र लोगों को मिल सकेगा उनको अपना हक है. रेनवाल तहसील प्रशासन की ओर से विशेष टीम बनाकर लगातार अपात्र लोगों से वसूली की जा रही है और खाद्य सुरक्षा सूची से हटाया जा रहा है और जो पात्र लोग हैं उनको जोड़ा जा रहा है, ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने भी इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए आमजन से वंचित लोगों को ऐसी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पात्र लोगों को दिलवाना चाहिए और सक्षम परिवार को यह खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं लेना चाहिए.
सरकार की ओर से गरीबों के हक का राशन खाने वाले अपात्र लोगों से वसूली लगातार की जा रही है. कुछ लोगों ने उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़वा लिए थे और गरीबों के अनाज पर डाका डाल रहे थे ऐसे में राज्य सरकार इस योजना का सर्वे कराकर है जो इस योजना में अपात्र पाए गए उनको हटाकर पात्र लोगों को जोड़ रही है, ऐसे में सर्वे के आधार पर सिर्फ पात्र लोगों को जोड़ा जा रहा है, जिससे जरूरतमंद गरीबों को राशन मिल सके. वहीं लोगों ने सरकार द्वारा वसूली की जा रही कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं जिससे गरीब तबके के लोगों को खाद्य सुरक्षा में अधिक से अधिक जोड़ा सके और उन तक राशन पहुंच सके.
राज्य सरकार के आदेश के बाद खाद्य सुरक्षा सर्वे अभियान चलाकर अपात्र लोगों से वसूली की जा रही है ऐसे में रेणवास क्षेत्र में 75% लोगों से वसूली की जा चुकी है और उनका खाद्य सुरक्षा से नाम हटाया जा चुका है लेकिन ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि फिर कहीं अधिकारियों से सांठगांठ और राजनेताओं के दबाव में आकर अपात्र लोगों का फिर से जोड़ ना दिया जाए जिससे पात्र लोग वंचित रह जाते हैं.
Reporter: Amit Yadav
यह भी पढ़ें -
सांभरलेक प्री मानसून की पहली बारिश ने नगर पालिका की खोली पोल, दरिया बनी सड़कें
अपने जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें