Manipur News: मणिपुर हिंसा की असल वजह, क्या है कुकी समुदाय की असल कहानी
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Manipur News: मणिपुर हिंसा की असल वजह, क्या है कुकी समुदाय की असल कहानी

Manipur Violence: मणिपुर राज्य में हो रही हिंसा के बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसे देख हर कोई हैरान और शर्मसार हो गया है. इसी के चलते जानिए कि  कुकी समुदाय की असल कहानी क्या है? 

Manipur News: मणिपुर हिंसा की असल वजह, क्या है कुकी समुदाय की असल कहानी

Manipur Violence: मणिपुर में लगातार दो महीने से हिंसा जारी है. देश का यह राज्य जातीय हिंसा में भड़का हुआ है. वहीं, अब हालात यहां पहुंच गए हैं कि एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाओं को भीड़ नग्न अवस्था में ले जा रही है. 

यह वीडियो सामने आने के बाद हिंसा एक बार फिर लोग भड़क गए. यह वायरल वीडियो मणिपुर की राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर के कंगपोकपी का है, जो 4 मई का बताया जा रहा है. यह वीडियो सामने आने के बाद से लोगों को द्वारा कार्रवाई की मांग की जा रही है. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने कहा कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है, जिस पर जांच जारी है. इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी, जिसके तहत आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.  

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मणिपुर में रहती हैं तीन जनजाति
मणिपुर एक पहाड़ी इलाका है, जहां तीन जनजाति के लोग रहते हैं, जिसमें मैतई, नगा और कुकी समाज है. इसमें से मैतई समाज सबसे बड़ा है, जिसकी आबादी लगभग 60 फीसदी है, लेकिन इनके पास राज्य की केवल 10 प्रतिशत जमीन है. इस लड़ाई का मुख्य कारण यही है. वहीं, दूसरी जनजाति नगा और कुकी समुदाय है, इनकी आबादी 40 प्रतिशत है, लेकिन इनके पास राज्य का 90 प्रतिशत इलाका है. यह इलाका पूरा पहाड़ी हैं. 

मैतई समुदाय कर रहा आरक्षण की मांग
यह लड़ाई आरक्षण से शुरू हुई, पहाड़ में रहने वाली 30 से ज्यादा छोटी-बड़ी जनजातियों को एसटी का दर्जा मिला है, जिसके तहत इनको कई प्रकार की सुविधा मिलती हैं. इसका मैतई समुदाय विरोध करता रहा है और वह अपने लिए भी एसटी दर्जे मांग कर रहा है, जिससे उन्हें भी वो सुविधाएं मिल पाएं. 

नागा-कुकी और मैतई समाज के बीच इसी बात को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, क्योंकि पहाड़ों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मैतई समाज को एसटी का दर्जा मिला तो वे पहाड़ी क्षेत्र में आएंगे और उनसे उनके अधिकार और सुविधा छिन लेंगे. 

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बता दें कि मैतई समाज एक लंब वक्त से एसटी दर्जे की मांग कर रहा है. फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में है, जिस पर कोर्ट ने एक फैसले में मैतई जनजाति को एसटी दर्जा देने पर विचार करने को कहा था. 

हाईकोर्ट की बात पर भड़की हिंसा
वहीं, हाईकोर्ट की इस बात पर राज्या का माहौल और बिगड़ गया, जिसके चलते 3 मई 2023 को ATSUM ने एक रैली निकाली. इस रैली के निकलने के बाद मामला और गर्म हो गया और 4 मई तक हिंसा और भड़क गई, जो अभी तक जारी है. इस हिंसा में अभी तक लगभग 150 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 60 हजार से ज्यादा अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए. 

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