9 साल से फाइलों में फंसी है, CM गहलोत की यह बजट घोषणा
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9 साल से फाइलों में फंसी है, CM गहलोत की यह बजट घोषणा

प्रदेश के स्टूडेंट में पुलिस का अहसास जगाने के लिए स्कूली स्टूडेंट को पुलिस बनाना था. मुख्यमंत्री गहलोत ने नौ साल पहले बजट में घोषणा भी कर दी थी, इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने करीब दस करोड़ रुपए भी दे दिए, लेकिन योजना सरकारी फाइलों में फंसी हुई है.

फाइल फोटो

Jaipur: प्रदेश के स्टूडेंट में पुलिस का अहसास जगाने के लिए स्कूली स्टूडेंट को पुलिस बनाना था. मुख्यमंत्री गहलोत ने नौ साल पहले बजट में घोषणा भी कर दी थी, इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने करीब दस करोड़ रुपए भी दे दिए, लेकिन योजना सरकारी फाइलों में फंसी हुई है.

लिहाजा मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 9 साल में भी पूरी नहीं हो पाई, वहीं अब बजट पर आकर योजना अटक गई है. देश में शैक्षणिक और सुरक्षा ढांचे के बीच तालमेल बनाने के लिए गृहमंत्रालय ने स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना शुरू की थी. सभी राज्यों को स्टूडेंट पुलिस गठित करने के निर्देश दिए थे. इस योजना के पीछे युवाओं को जीवन में कानून, अनुशाासन, कमजोर वर्गों के साथ सहानुभूति और भविष्य के नेताओं के रूप में विकसित करना प्रमुख उद्देश्य था. साथ ही छात्रों को सुरक्षित स्कूल वातावरण बनाने और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ तैयार करने तथा समस्याओं का समाधान खोजने के लिए सक्षम बनाना था.

गहलोत ने की थी बजट घोषणा
इसके बाद वर्ष 2013-14 के बजट में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की सभी पंचायत समितियों के एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में 'स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना' लागू करने की घोषणा की थी.

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भाजपा शासनकाल योजना ठंडे बस्ते में
घोषणा के बाद प्रदेश में भाजपा सरकार आ गई और योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई. राजस्थान के अलावा गुजरात सहित कई भाजपा शासित राज्यों में शुरू की गई. स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना बदस्तूर जारी है. 

3 साल 10 करोड़ का बजट, फिर भी नहीं निकली योजना
हालत यह है कि केंद्र की एनडीए सरकार इस महत्वकांक्षी योजना के लिए  3 साल 6 करोड़ का बजट दे चुकी है. वहीं राज्यांश का 4 करोड़ मिला कर दस करोड़ रुपए का बजट है. जब कभी केंद्र से मांग होती है या फिर कोई  टिप्पणी मांगी जाती है तो योजना को खंगाला जाता है, लेकिन योजना कागजों से बाहर नहीं निकलती. 

927 स्कूलों में शुरू होनी है योजना
राज्य में दो साल पहले स्टूडेंट पुलिस योजना शुरू करने का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया. योजना शुरू भी हुई, लेकिन आगे नहीं बढ़ पाई. अब शिक्षा विभाग ने योजना के लिए गृह विभाग से बजट मांगा है.

 - स्टूडेंट पुलिस के लिए 10 करोड़ तीन लाख से ज्यादा का बजट स्वीकृत 

 -  वर्ष 2016-17  में केंद्र से 166 लाख  तथा राज्य के हिस्से  110.67 लाख रुपए  स्वीकृत

- वर्ष 2017-18 में केंद्र से 222.04  लाख तथा राज्य का हिस्सा 148.02  लाख स्वीकृत 

- वर्ष 2018-19 में केंद्र से 214.20 लाख तथा राज्य के हिस्से के 142.80  स्वीकृत हुए 

-  दो साल में योजना पर एक करोड़ 78 लाख 89 हजार रुपए की खर्च हो पाए हैं। 

- हालांकि दस करोड़ में से 8 करोड़ 24.83 लाख अभी पेंडिंग चल रहे हैं 

स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना के लिए योजना के लिए प्रदेश के 927 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया. इनके साथ ही 70 केंद्रीय विद्यालय शामिल किए गए. शिक्षा विभाग-पुलिस अधिकारियों को इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग भी दी गई, लेकिन इसके बाद मामला आगे नहीं बढ़ पाया. 

-  प्रदेश में 45 हजार से अधिक स्टूडेंट को पुलिस कैडेट बनाया जाना है.
- प्रत्येक थाना स्तर पर कम से कम एक स्कूल का चयन किया गया.
- 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को इस योजना से जोड़ना था.
- माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 4 करोड़ 63 लाख 50 हजार रुपए का बजट मांगा है.
- वहीं पूर्व में स्वीकृत 55 लाख रुपए की डिमांड की है. गृह विभाग ने फाइल वित्त विभाग को भेजी है.

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