Union Budget 2025: आरएलपी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल आज जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्यम वर्गीय को साधने का प्रयास करते हुए 12 लाख तक की इनकम टैक्स में छूट दी है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतें, सरकारी नौकरी का जिक्र नहीं किया गया.
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Union Budget 2025: राजस्थान आरएलपी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल आज जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश का जो बजट था. उससे देश के किसानों और जवानों को बहुत उम्मीद थी, जो बढ़ती हुई महंगाई है.
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मध्यम वर्गीय को साधने का प्रयास करते हुए 12 लाख तक की इनकम टैक्स में छूट दी है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतें, सरकारी नौकरी, जवानों को रोजगार MSP पर खरीद किसान को लेकर किसी प्रकार का बजट में जिक्र नहीं किया गया. खासतौर पर राजस्थान की बात करें, तो राजस्थान का बजट में किसी प्रकार का नाम नहीं था.
ऐसे में मैं यह कह सकता हूं कि यह बजट अच्छा तो नहीं है, लेकिन ठीक-ठाक है. जो उम्मीद थी किसान, जवान और राजस्थान को वह पूरी नहीं हुई. राजस्थान के तीन-तीन, चार-चार मंत्री केंद्र में हैं, उसके बावजूद भी दुर्भाग्य है कि राजस्थान को बजट में कुछ खास नहीं दिया गया.
इसके साथ ही राजस्थान लोक सेवा आयोग पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि जिस तरीके से घोटाले किए गए हैं. परीक्षाओं को लेकर मैं 2005 से लेकर 2024 तक जितने भी आरपीएससी की ओर से RAS, IPS और अधीनस्थ सेवा के परीक्षाएं हुई हैं, उसको लेकर जांच करने की मांग करता हूं.
क्योंकि एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी यह सिलसिला राजस्थान में लगातार बना हुआ है. ऐसे में निश्चित रूप से दोनों पक्षों की ओर से अपने-अपने चहेते लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं, तो ऐसे में आवश्यक रूप से जांच करवाई जानी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
जांच के लिए भी एक दो नहीं 50 और 200 तक लोग आपको फर्जी मिलेंगे. इसलिए हमारी RLP प्रदेश सरकार से यह मांग उठाती है कि आरपीएससी की ओर से जितने भी भर्ती करवाई गई हैं, उनकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए, ताकि जो होनहार लोग हैं, जिनको आगे आना चाहिए था, जो राजनीति से प्रेरित नहीं हैं, उनको रोजगार मिले.
उनको सरकार के बड़े पद मिले, ताकि वह देश और प्रदेश के लिए कुछ कर सकें लेकिन हमारे यहां तो नकल से ही और सरकार की मेहरबानी से अधिकारी बनते हैं, तो ऐसे ही अधिकारी आपको देखने को मिलेंगे. लेकिन मैं हमेशा यह मांग करता रहा हूं कि 2005 से 2024 तक जो भी भर्ती हुई है उसकी पूर्ण निष्पक्ष जांच की जाए.