Lakkhi Mela: प्रसिद्ध चैत्र नवरात्रि लक्खी मेला शुरू हो चुका है, माता कैला के दरबार में लाखों की तादात में भक्त माथा टेकने पहुंचेंगे. दिल्ली, एमपी, यूपी समेत कई राज्यों से भक्त माता के दरबार में हाजरी लगाने आएंगे. यह मेला चार अप्रैल तक चलेगा.
Trending Photos
Lakkhi Mela: उत्तर भारत का प्रसिद्ध चैत्र नवरात्रि लक्खी मेला शुरू हो गया. 4 अप्रैल तक चलने वाले मेले में करीब 50 लाख से अधिक श्रद्धालु कैला माता के दरबार में धोक लगाकर खुशहाली और अमन-चैन की मनौती मांगते हैं. मेले के दौरान राजस्थान ही नहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. केला माता के दरबार में पद यात्रियों का भी पहुंचना शुरू हो चुका है.
लक्खी मेला, कैला देवी के दरबार में करीब 8 से 10 लाख पदयात्री पहुंचते हैं. पद यात्रियों के कारण कैलादेवी-करौली-हिंडौन, करौली-सरमथुरा-धौलपुर, करौली-मंडरायल आदि मार्गों से पहुंचते हैं.
कैला देवी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए करौली के बड़ा पांचना पुल, रणगमा तालाब पर भी नहाने एवं सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. लक्खी मेला में सुरक्षा के लिए सिविल डिफेंस व पुलिस की टीम तैनात की हैं. तो वहीं मांची ग्राम पंचायत द्वारा भी विभिन्न व्यवस्थाएं की गई हैं.
लक्खी मेला 17 दिन चलने वाले मेले के दौरान कैला देवी मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है. इस दौरान नवविवाहित शादी के जोड़े माता की जात करने आते हैं, तो बच्चे के जन्म पर मुंडन संस्कार, नए वाहनों का पूजन आदि भी कराने की मान्यता है. मेले में श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में पहुंचने के मद्देनजर मंदिर ट्रस्ट प्रशासन ने कैलामाता के दर्शनों का समय भी इस बार बढ़ा दिया है. मंदिर ट्रस्ट प्रशासन के अनुसार सुबह 4 बजे से रात 9.30 बजे तक दर्शन खुले रहेंगे.
लक्खी मेला में हालांकि दिन में केवल 10 मिनट माता के पट बंद रहेंगे.कैला देवी मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ प्रबंधक विवेक द्विवेदी ने बताया कि यात्रियों की अधिकता के मद्देनजर सुबह 4 बजे से रात 9.30 बजे तक दर्शन खुले रहेंगे.
आवश्यकता होने पर इस समय को और बढ़ाया जा सकता है.इस बार मेले में दिव्यांगों के लिए ई-रिक्शा की व्यवस्था की है,वहीं रैलिंगों में भक्तों के लिए पानी, कूलर, पंखा के समुचित प्रबंध किए हैं। गतिविधियां पर नजर रखने के लिए करीब 250 सीसीसटीवी कैमरे तथा करीब आधा दर्जन वीडियोग्राफर भी लगाए गए हैं.वहीं, 100 चल शौचालयों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. कालीसिल नदी के घाटों पर गोताखोरों तैनात किए गए हैं.
मेले में भक्तों को लाने ले जाने के लिए राजस्थान रोडवेज की 320 बसें लगाई गई हैं. प्रदेशभर के विभिन्न डिपो से रोडवेज बसें मेले के लिए लगाई गई हैं,जिनमें से अधिकांश डिपो की बसें हिण्डौन, कैलादेवी बस स्टैंड पर पहुंच गई हैं. कैलादेवी में अस्थाई बस स्टेण्ड बनाया गया है. जिला कलेक्टर अंकित कुमार ने बताया कि कैलादेवी से जयपुर, भरतपुर, धौलपुर, आगरा, गंगापुरसिटी सहित यात्रीभार के अनुसार अन्य शहरों के लिए सीधे बस रवाना होंगी.
मेले में लाखों भक्तों की आवक के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी.प्रदेश के अन्य जिलों सहित कुल 1400 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए है. पूरे मेला मैदान में जगह-जगह जवान तैनात किए गए हैं,
वहीं एक दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी भी मेले के लिए तैनात किए गए हैं. एएसपी सुरेश जैफ के अनुसार पूरा मेला परिसर को तीन सेक्टर में बांटा गया है.
हिण्डौन से कैलादेवी तक के करीब 55 किलोमीटर तक के रास्ते में दर्जनों स्थानों पर माता के भक्तों के लिए धार्मिकजनों-सामाजिक संस्थाओं आदि ने भण्डारे लगाए हैं. जहां पदयात्रियों को भोजन-नाश्ता कराया जा रहा है. मां के भक्तों की सेवा में भण्डारा संचालक आग्रह कर उन्हें भोजन करा रहे हैं. वहीं, कई स्थानों पर यात्रियों के लिए टेंट लगाकर विश्राम स्थल,चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. भण्डारों में कहीं हलवा-पूडी खिलाई जा रही है तो कहीं बुफे में यात्रियों को पकवान खिलाए जा रहे हैं. वहीं, नाश्ते में कचौडी पकौड़ी के साथ बेडई, जलेबी, पोहा व अन्य खाने की सामग्री दी जा रही हैं.
जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि कैलामाता का चैत्र लक्खी मेला 19 मार्च से शुरू हुआ है. मेले में आने वाले लाखों यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर जिला प्रशासन, पुलिस, रोडवेज,ग्राम पंचायत,चिकित्सा विभाग की ओर से विभिन्न व्यवस्था की गई हैं ताकि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो. कलेक्टर स्वयं भी लगातार विजिट कर रहे है.
ये भी पढ़ें- राजस्थान में मौसम विभाग की आगामी दो दिनों मे भारी बारिश की चेतावनी, नागौर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय