डीडवाना: राज्यपाल मलिक का केंद्र पर फिर हमला, किसानों के लिए मैं खुद ही लड़ाई लड़ूंगा
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डीडवाना: राज्यपाल मलिक का केंद्र पर फिर हमला, किसानों के लिए मैं खुद ही लड़ाई लड़ूंगा

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक दो दिवसीय डीडवाना दौरे पर है. इस दौरान मलिक डीडवाना के ग्रामोत्थान विद्यापीठ संस्थान के सिल्वर जुबली उत्सव समारोह में शिरकत की.  इस दौरान अपने संबोधन में मलिक ने कहा कि शिक्षा की जहां बात आती है या मुझे बुलाया जाता है तो मैं कभी मना नहीं करता.

डीडवाना: राज्यपाल मलिक का केंद्र पर फिर हमला, किसानों के लिए मैं खुद ही लड़ाई लड़ूंगा

 

नागौर: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक दो दिवसीय डीडवाना दौरे पर है. इस दौरान मलिक डीडवाना के ग्रामोत्थान विद्यापीठ संस्थान के सिल्वर जुबली उत्सव समारोह में शिरकत की.  इस दौरान अपने संबोधन में मलिक ने कहा कि शिक्षा की जहां बात आती है या मुझे बुलाया जाता है तो मैं कभी मना नहीं करता. आज भी में 2200 किलोमीटर चलकर इस कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं.

शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा की वजह से में मात्र 26 साल की उम्र में विधायक बन गया था. महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि लड़किया बहुत आगे तक चली गई है औप आगे तक जाएगी. राज्यपाल ने कहा कि पैरेंट्स जितना बेटे की पढ़ाई के लिए खर्च करते हैं उतना बेटी की पढ़ाई के लिए भी करना चाहिए. अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका में भारत की तरह सिफारिश से विदेश मंत्री नहीं बनते, वहा अपनी योग्यता से कोडोलिसा राइस विदेश मंत्री बनीं.

आंदोलन के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्र पर बरसे मलिक 

इस दौरान किसानों की बात करते हुए कहा कि 3 - 3 साल अकाल से किसान की लड़ाई रहती है, मगर वह हमेशा विजेता रहता है सबसे बड़े पुरुस्कार के हकदार किसान है. कृषि कानूनों के प्रदर्शन के दौरान किसानों की लड़ाई और किसानों की मौत को लेकर प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े किए, लेकिन साथ ही तीनों कृषि कानून लेने पर प्रधानमंत्री का आभार भी जताया. मलिक ने यह भी कहा कि किसान धरने खत्म हुए हैं आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. आने वाली किसानों की लड़ाई में खुद रहूंगा और किसानों के हक की लड़ाई लड़ूंगा.

आज भी वायसराय फसलों के दाम तय करते हैं- गवर्नर

एमएसपी की लड़ाई आज की लड़ाई नही है. यह चौधरी छोटूराम जी समय से जारी है. उस समय किसानों की फसल का दाम वायसराय तय करते थे, किसानों को अपनी फसल का दाम तय करने का आज भी हक़ नही है, आज भी वायसराय फसलों के दाम तय करते हैं. किसानों का कत्ल बहुत करामात के साथ किया जा रहा है, किसानों को अपनी मांगें एमएसपी सहित नहीं मानने पर लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा.

निजीकरण को लेकर भी सरकार पर साधा निशाना

आगे बोलते हुए कहा कि वकील बादशाओं से लड़ सकता है अमीर बादशाहओं से नहीं लड़ सकता, क्योंकि किसी को ईडी का डर रहता है, मेरे पास कुछ नहीं है, इसलिए मुझे ईडी का डर नहीं है. सरकारी संस्थाओं के निजीकरण को लेकर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आज एयरपोर्ट और बड़े संस्थानों का निजीकरण हो रहा है. नौकरियों और व्यापार की बात पर बोलते हुए कहा कि खेती किसानी नौकरियों के मौके छीने है और अग्निवीर जैसी योजना से देश के लिए लड़ाई लड़ने का मौका किसान पुत्रों और युवाओं से छीनने की बात कही. इस दौरान मंच से प्रधानमंत्री के गुजरात में मुख्यमंत्री के कार्यालय की सराहना की, लेकिन दिल्ली में आकर आदमी बदल जाता है.

समारोह में संस्थान को सहयोग करने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया. समारोह मे अध्यनरत प्रतिभाशाली छात्राओं का भी सम्मान किया गया. समारोह में पूर्व न्यायाधीश राजस्थान हाईकोर्ट और चेयरमैन अन्य पिछड़ा आयोग, लक्ष्मणसिंह आयुक्त राज्य सूचना आयोग, रुहंगीज हयाती दहिया पूर्व कुलपति ज्योति महिला विधापीठ विश्वविद्यालय ने भी संबोधित किया. 

REPORTER - HANUMAN TANWAR

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