Tonk news: राजस्थान में फसल सुरक्षा मिशन के तहत फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना लाभ लेने के लिए, जिले में डेड गुना से कम आवेदन के कारण लॉटरी को समाप्त कर अब पहले आओ पहले पाओ.
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Tonk news: राजस्थान में फसल सुरक्षा मिशन के तहत नीलगाय व आवारा पशुओं द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कांटेदार एवं चैन लिंक तारबंदी योजना लाभ लेने के लिए, जिले में डेड गुना से कम आवेदन आने के कारण लॉटरी प्रणाली को समाप्त कर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ऑनलाइन आवेदन कर कृषक अनुदान प्राप्त कर सकते है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक केके मंगल ने बताया कि जिले को गत वर्ष 1लाख 96 हजार मीटर के लक्ष्य प्राप्त हुए थे.
जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 13 लाख 7 हजार मीटर के लक्ष्य प्राप्त हुए है जो गत वर्ष के मुकाबले 6 गुना वृद्धि की गई है,तारबन्दी योजना के तहत सभी श्रेणी के कृषक लाभान्वित होगे. तारबन्दी के लिए किसान व्यक्तिगत आवेदन में न्यूनतम 1.5 हेक्टर भूमि तथा समूह में आवेदन के लिए कम से कम 2 किसान एवं न्यूनतम 1.5 हेक्टर जमीन होना आवश्यक है जबकि सामुदायिक स्तर पर तारबंदी में 10 या अधिक कृषको के समूह में न्यूनतम 5 हेक्टर भूमि व समूह की भूमि की सीमाएं निर्धारित पैराफेरी में होना आवश्यक है.
व्यक्तिगत व समूह में प्रत्येक कृषक व्यक्तिगत किसान को 400 रनिंग मीटर की इकाई लागत का 50% या अधिकतम 40 हजार जो भी कम होगा लघु सीमांत कृषक को 400 रनिंग में अधिकतम 48 हजार रूपये होगा . फसलो को आवारा पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी के लिए अनुदान देने से फसलों से सुरक्षा हो सकेगी सामुदायिक तारबंदी में किसानों को एक किसान को 400 मीटर तारों पर 70% अनुदान या फिर 56 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा . तारबन्दी ट्रस्ट, सोसायटी ,स्कूल, कॉलेज व मंदिर के लिए यह योजना नहीं है
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किसान को तारबंदी की प्रशासनिक स्वीकृति के बाद 30 दिन में कार्य शुरू करना आवश्यक है अन्यथा प्रशासनिक स्वीकृति निरस्त कर दी जाएगी. तारबंदी में किसी प्रकार का विद्युत करंट प्रभावित नहीं किया जा सकता है. राज किसान सुविधा ऐप के माध्यम से भी किसान तारबंदी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, अपने स्वयं के मोबाइल से प्ले स्टोर से राज किसान सुविधा ऐप डाउनलोड करें तथा उसे जनाधार के माध्यम प्रोफाइल तैयार कर अपनी पात्रता जांचें तथा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते है.
संयुक्त निदेशक केके मंगल ने बताया कि सभी कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक से अधिकारियों को किसानों को अधिक से अधिक तारबंदी के आवेदन कराने के निर्देश दिए गए हैं. कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि गत वर्ष राज्य स्तर पर टोंक जिला तारबन्दी योजना में प्रथम, बीकानेर द्वितीय, नागौर में तृतीय,जयपुर ने चौथा एवं बाडमेर ने पांचवा स्थान प्राप्त किया था.
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