Reasi Terror Attack Update: रियासी आतंकी हमले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए दहशतगर्दों की मदद करने के आरोप में एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम हकीमुद्दीन है. उसने केवल 6 हजार रुपये के लिए अपने देश के साथ गद्दारी कर दी.
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Reasi Terror Attack Update News: रियासी आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस की जांच में पता चला है कि महज 6 हजार रुपये के लिए एक गद्दार ने आतंकियों को अपने घर में पनाह दी और उसके बाद श्रद्धालुओं पर हमले के लिए लोकेशन दिखाने के लिए लेकर गया. वारदात के बाद वही देशद्रोही आतंकियों को अपने साथ जंगल के जरिए सुरक्षित निकालकर ले गया. पुलिस ने कई दिनों की खोजबीन के बाद उस गद्दार को ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया है.
रियासी हमले में आतंकियों का मददगार अरेस्ट
एसएसपी रियासी मोहिता शर्मा ने रियासी आतंकी हमले पर बड़ा अपडेट देते हुए बताया कि वारदात में आतंकियों की मदद करने पर हाकिम उर्फ हकीमु्द्दीन को अरेस्ट किया गया है. हाकिम पहले भी आतंकियों को कई बार मदद दे चुका था. इस बार भी शिवखोड़ी से बस में आ रहे आतंकियों पर हमला करने के लिए उसने ही अपने घर में उन्हें पनाह दी थी.
हाकिम ने 6 हजार में बेच दिया ईमान
एसएसपी के मुताबिक, हकीमुद्दीन ने कबूल किया है कि उसने आतंकवादियों को एक गाइड के रूप में और उन्हें सुरक्षित ठिकाना ढूंढने में मदद की. शिवखोड़ी से आ रही बस पर हमला करने से पहले आतंकी हाकिम के घर पर रुके थे. उसी ने उनके भोजन और ठहरने का इंतजाम किया गया था. इस काम के लिए आतंकियों ने हाकिम को 6 हजार रुपये दिए थे.
वारदात से पहले रेकी करके चुनी लोकेशन
पुलिस अधिकारी ने बताया, 'वारदात से पहले हाकिम ने खुद हमले के लिए लोकेशन चुनी थी. उसने रेकी करके यह सुनिश्चित किया था कि आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा न हो, जिसमें उसका या किसी अन्य आतंकी का चेहरा कैप्चर न हो सके. इसके बाद जब आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस रोककर उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, तब भी हाकिम वहीं पास में मौजूद था.'
पास में छुपकर देख रहा था सारी वारदात
एसएसपी रियासी ने कहा कि ड्राइवर को गोली लगने के बाद जब बस बेकाबू होकर खाई में गिर गई थी तो भी आतंकी श्रद्धालुओं पर गोलियां बरसा रहे थे. इस दौरान हकीमुद्दीन वहीं पास में छुपकर गोलियों की आवाज सुन रहा था. हमले के बाद वह आतंकियों को वहां से निकालकर सुरक्षित ठिकाने पर ले गया. उन्होंने कहा कि कई दिनों की मेहनत के बाद आतंकियों का मददगार तो अरेस्ट हो गया है लेकिन हम जब तक नहीं रुकेंगे, तब तक कि अटैक में शामिल सभी आतंकियों को अरेस्ट या मार गिराया नहीं जाता.