Ghost in School: 'पंचायत' के प्रधान जी वाला सीन रीपीट! भूत का डर भगाने को कक्षा में ही सो गए मास्टर साहब
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Ghost in School: 'पंचायत' के प्रधान जी वाला सीन रीपीट! भूत का डर भगाने को कक्षा में ही सो गए मास्टर साहब

क्या असल में भूत होते हैं? कम से कम बच्चे तो इसे सच ही मान लेते हैं. फिल्मों का असर हो, सुनी-सुनाई बातें हो या संयोग के आधार पर बने विचार... ऐसा ही एक स्कूल में कुछ बच्चों के साथ था. उनके दिमाग में बात बैठ गई थी कि कक्षा 5 में भूत रहता है. उस भूत को भगाने के लिए मास्टर साहब ने जो किया, अब सभी उनकी तारीफ कर रहे हैं. 

Ghost in School: 'पंचायत' के प्रधान जी वाला सीन रीपीट! भूत का डर भगाने को कक्षा में ही सो गए मास्टर साहब

Ghostbuster Teacher: मशहूर वेब सीरीज 'पंचायत' में एक चर्चित सीन है. सोलर लाइट पंचायत भवन में लगवाने के लिए भुतहा पेड़ का डर भगाना जरूरी हो जाता है. खुद डरते-डरते प्रधान जी रात में भुतहा पेड़ के नीचे सोते हैं. इसका असर पॉजिटिव होता है. कुछ ऐसा ही एक मास्टर साहब को करना पड़ा. जी हां, सरकारी स्कूल के बच्चों में यह भ्रम या कहिए मिथक बन गया था कि कोने में कक्षा 5 वाले कमरे में भूत रहता है? आखिर में इस भूत के खौफ को विद्यार्थियों के मन से निकालने के लिए मास्टर साहब ने रात में उसी कक्षा में सोने का फैसला किया. सुबह उठे तो मुस्कुराते हुए बाहर निकले. 

एक दिन अचानक गिरा पेड़ और...

यह असल घटना तेलंगाना के अदीलाबाद जिले की है. पिछले हफ्ते आनंदपुर के मंडल परिषद अपर प्राइमरी स्कूल में एन. रविंदर ने भूत का डर खत्म किया. इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है. एक दिन वह कक्षा 7 के स्टूडेंट्स को पढ़ा रहे थे तभी बाहर एक पेड़ गिर गया. रविंदर ने देखा कि सभी बच्चे सहम गए थे. उनके चेहरे पर डर साफ देखा जा सकता था. उनके मन में भूत की बात और घर कर गई. उन्होंने कुछ बच्चों को आपस में बात करते सुना कि कक्षा 5 में भूत रहता है. 

टीचर ने लिया चैलेंज

रविंदर ने पहले तो बातों और अपने तर्कों से उन्हें समझाने की कोशिश की कि भूत जैसा कुछ नहीं होता है. स्टूडेंट्स को भरोसा नहीं हुआ. वे कह रहे थे कि जब कक्षा में कोई नहीं होता था तो एक अलग तरह की आवाज आती है. वे तर्क देते कि भूत ही आवाज निकालता है. इसके बाद स्टूडेंट्स ने कह दिया कि आप ही 5 जुलाई को अमावस्या के दिन कमरे में अकेले रह जाइए. 

इसके बाद रविंदर (टीचर) और स्टूडेंट्स के बीच सीक्रेट डील हुई. न तो बाहर के लोगों को इसके बारे में पता था और न भीतर के 'भूत' को खबर दी गई. डील के तहत रविंदर उसी रात बेडशीट लेकर स्कूल पहुंच गए. उनके पास एक टॉर्च भी थी. वह रात 8 बजे कक्षा 5 में घुसे थे और स्टूडेंट्स ने उन्हें जाते देखा. 

अगली सुबह कक्षा 5 के बाहर खड़े थे बच्चे

रात बीती और अगली सुबह बच्चे सुबह 6 बजे कक्षा 5 के बाहर खड़े थे. दरवाजा खुला. रविंदर जीवित और सीधे खड़े थे. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक रविंदर ने कहा कि जब बच्चों ने सुबह मुझे सही-सलामत देखा तब वे माने कि भूत नहीं होता है. स्कूल में 87 स्टूडेंट्स हैं और पिछले साल कुछ बच्चे प्राइवेट स्कूल में चले गए थे क्योंकि उन्हें डर था कि स्कूल की बिल्डिंग में भूत रहता है. सुबह वे भी उन्हें देखने के लिए आए थे. (फोटो- Lexica AI)

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