Banke Bihari Mandir: ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह का जीर्णोद्धार होने वाला है. 29 फरवरी तक गर्भगृह के जीर्णोद्धार के लिए सेवायतों से सुझाव मांगे गए हैं. पढ़िए पूरी डिटेल
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Banke Bihari Mandir: 161 साल पुराने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की दीवारें और फर्श कमजोर होने लगे हैं. जिसकी वजह से मंदिर के गर्भगृह का जीर्णोद्धार होने वाला है. मंदिर प्रशासक से सेवायतों ने जीर्णोद्धार की मांग की थी. 29 फरवरी तक गर्भगृह के जीर्णोद्धार के लिए सेवायतों से सुझाव मांगे गए हैं. इसकी प्रक्रिया अब जल्द ही शुरू होगी.
क्यों कमजोर हो रहा फर्श?
1864 में मंदिर का निर्माण हुआ था. इसके बाद से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. मंदिर परिसर की साफ-सफाई और धुलाई तो दिन में दो बार होती है, लेकिन गर्भगृह में चार बार धुलाई होती है. संगमरमर के फर्श पर जब लगातार पानी गिरता है तो फर्श भी कमजोर हो रहा है. जिसकी वजह से मंदिर के गर्भगृह में सेवा पूजा करने वाले सेवायतों में गर्भगृह की हालत को लेकर चिंता होने लगी और मंदिर प्रशासक सिविल जज को जीर्णोद्धार के साथ पत्थरों की मरम्मत का काम कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया था.
कैसे होंगे ठाकुरजी के दर्शन?
मंदिर के गर्भगृह के जीर्णोद्धार होते वक्त ठाकुरजी गर्भगृह में दर्शन नहीं दे सकेंगे. सेवातयों का मनाना है कि गर्भगृह के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया गर्मी में सजने वाले फूल बंगला के दिनों में संभव होगी. इन दिनों में ठाकुर जी जगमोहन में विराजमान होकर सुबह और शाम भक्तों को दर्शन देते हैं तो किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा. डेढ़ सौ साल से पहले बने मंदिर के प्रांगण में 4 साल पहले गड्ढे होने लग गए थे और टाइलों के अंदर खोखली हो रही थी. जिसकी वजह से कोरोना काल में जब लॉकडाउन में मंदिर सेवायतों के दर्शन के लिए बंद रखा तो प्रांगण को दोबारा बनवाया गया.
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