Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi: विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष मास में विनायक चतुर्थी व्रत कब है और जानते हैं कैसे श्रीगणेश की पूजा करें.
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Margashirsha Vinayak Chaturthi 2024: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का खास महत्व है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है. विनायक चतुर्थी हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इसके साथ ही जीवन के विघ्न दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है. श्रीगणेश की कृपा से जीवन में आने वाले सभी दुख और संकट दूर होते हैं. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024) की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी 2024 तिथि (Vinayaka Chaturthi Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 4 दिसंबर 2024 की दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर होगी. समापन अगले दिन 5 दिसंबर 2024 दोपहर को 12 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर 2024 दिन गुरुवार को रखा जायेगा. चन्द्रास्त का समय रात 09:07 मिनट है. साधक 05 दिसंबर को विनायक चतुर्थी का व्रत रख सकते हैं.
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर 3 योग
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर 3 योग का निर्माण हो रहा है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का समापन दोपहर 12:28 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद ध्रुव योग का संयोग बन रहा है. इसके साथ ही विनायक चतुर्थी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है.
विनायक चतुर्थी पर नहीं देखते चंद्रमा-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने से व्यक्ति पर कोई गलत आरोप लगते है. वह झूठे कलंक का भागी बनता है. ऐसे में उस दिन चंद्र दर्शन करना वर्जित है.
पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान गणेश का ध्यान करें और गणेश जी की प्रतिमा को एक स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें. व्रत रखते हैं तो संकल्प लें. गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और चंदन, कुमकुम और फूलों से गणेश जी का श्रृंगार करें और धूप और दीप जलाकर गणेश जी को अर्घ्य दें. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी को मोदक और दूर्वा घास बेहद पसंद है. इसलिए गणेश जी को उनका प्रिय मोदक का भोग जरूर लगाएं. गणेश जी के मंत्रों का जाप करें. आखिर में आरती करके पूजा का समापन करें.
विनायकी चतुर्थी का महत्व
हिन्दू धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत का बड़ा महत्व है. विनायक चतुर्थी पर सच्चे मन से बप्पा की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं. ये व्रत करने से साधक को सभी प्रकार के कष्टों और संकटों से छुटकारा मिल जाता है.
डिस्क्लेमर-यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता. इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं.