Saal Ka Sabse Bada Din: पूरे भारत में 25 दिसंबर को बड़े दिन के रुप में मनाया जाता है. पर क्या आप जानते हैं कि साल का सबसा बड़ा दिन 25 दिसंबर नहीं .. जानिए साल के सबसे बड़े दिन और उसके पीछे का कारण इस खबर में ...
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Longest Day: भारत में चारों दिशाओं में भीषण गर्मी पड़ रही है. इसी भीषण गर्मी में साल का सबसे बड़ा दिन आने वाला है. हालांकि, पूरे भारत में 25 दिसंबर को बड़े दिन के रुप में मनाया जाता है. परंतु असलियत में 25 दिसंबर नहीं साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून है. जी हां, 21 जून को सूरज की किरणें पृथ्वी पर 15 सा 16 घंटे तक रहती हैं. इसी वजह से 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन बताया जाता है. 21 जून की रात छोटी रात रहती है.
इसको सोल्सटाइस कहा जाता है
21 जून के दिन सूर्य पृथ्वी के नॉर्थ पोल के बेहद करीब होता है. नॉर्थ पोल के बेहद करीब होने का मतलब है कि सूर्य इस दिन पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा ( equator ) से सबसे दूर होता है. इस वैज्ञानिकत प्रक्रिया को सोल्सटाइस के नाम से जाना जाता है. इसका अर्थ है सूरज अभी भी खड़ा है.
बड़ा दिन होने का वैज्ञानिक कारण
आइए अब हम इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण को समझते हैं. जैसे बताया कि 21 जून को सूर्य पृथ्वी के नॉर्थ पोल मतलब उत्तरी गोलार्द्ध पर होता है. सूर्य की इसी वजह से उसकी रोशनी पूरे भारत के बीचों-बीच गुजरने वाली कर्क रेखा पर सीधी तौर ज्यादा समय तक पड़ती है. इसके साथ ही सूरज की किरणें बाकी दिनों के मुकाबले अधिक समय तक धरती पर रहती हैं. इसी खगोलीय घटना के कारण 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन और रात छोटी होती है.
एक समय परछाई छोड़ देती है साथ
इस दिन की खास बात यह है कि 21 जून को एक पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई आपका साथ छोड़ देती है. परछाई के साथ छोड़ने का कारण ही कि 21 जून के दिन सूरज बहुत ऊंचाई पर होता है. इन सबके साथ 21 जून के बाद से दिन से रात लंबी होने लगती हैं. यह प्रोसेस 21 सितंबर तक चलता है. आपको बता दें कि 21 सितंबर के आते-आते दिन व रात एक बराबर हो जाते हैं. फिर 21 सितंबर से रातों को लंबा होने का सिलसिला शुरू हो जाता है. रात लंबी होने की प्रक्रिया 23 दिसंबर तक चलती है.
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