Lucknow News : योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार शुरुआत से ही लव जिहाद के मामले को लेकर सख्त रही है. योगी आदित्यनाथ की सरकार में 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक प्रदेश में 427 मामले दर्ज हुए और एक कनून के तहत यहां पर 833 से ज्यादा गिरफ्तारी भी हुई है.
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कुमार शशिवर्धन/लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लव जेहाद को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार पूरी तरह से सख्त है. प्रदेश में 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक 427 मामले दर्ज किए गए हैं. धर्मांतरण कानून को लेकर यहां पर अभी तक 833 से ज्यादा गिरफ्तारी की गई है. तो वहीं, 185 मामलों में ऐसा हुआ है कि पीड़ित ने कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलने की बात को कबूल किया है.
दिव्यांग होते हैं टार्गेट
आंकड़े बताते हैं कि नाबालिगों के धर्मांतरण के मामले में अब तक यहां पर 65 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. बरेली जनपद में अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं अगर बात की जाए उत्तर प्रदेश में हो दिव्यांग बच्चों के धर्मांतरण के मामले का तो इसे लेकर बड़ी कार्रवाई भी की गई. दरअसल, दिव्यांग बच्चों के धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया गया. 22 जून 2021 को यूपी एटीएस ने नोएडा की डेफ सोसाइटी से ही दो आरोपियों को धर्म परिवर्तन कराने के मामले में गिरफ्तार किया था. जिनमें से एक का नाम मुफ्ती कादरी जहांगीर, वहीं दूसरे का नाम मोहम्मद उमर गौतम था. इन्होंने तब खुलासा किया था कि इन लोगों ने 1000 दिव्यांग लोगों का धर्मांतरण करवाया है जिनमें से दो लोग नोएडा डेफ सोसायटी से भी है.
गैर कानूनी धर्मांतरण
उत्तर प्रदेश में लगातार धर्मांतरण को लेकर सख्ती के साथ सीएम योगी की सरकार पेश आ रही है. ज्ञात हो कि प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 से गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू है. यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत अगर कोई आरोपी दोषी साबित होता है तो उसे अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है और ऐसे मामले में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक रखा गया है.
सजा और जुर्माना
इसके अलाव अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले ही जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करने का नियम तय किया गया है. जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है और एक से पांच साल की कैद की सजा हो सकती है. एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों के साथ ही महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार तय किया गया है. कानून के अनुसार, अगर विवाह का केवल एक ही लक्ष्य महिला का धर्म परिवर्तन करवाना था ऐसी शादी को अवैध करार दिया जाएगा.
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