Shukrawar ke Upay: हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन का खास महत्व है. इस दिन धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का उपवास रखते हैं.
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Shukrawar ke Upay: आज 8 जून, दिन शुक्रवार है. हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा यह दिन शुक्र ग्रह से भी संबंधित होता है. मान्यता है कि शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने और उपवास रखने से भक्त के जीवन में सुख समृद्धि आती है. माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शुक्रवार को कुछ उपाय करना भी लाभकारी हो सकता है. इन उपायों को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इन उपायों से आपकी कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत हो सकती है. ऐसे में आइये जानते हैं आज के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में...
शुक्रवार व्रत पूजा विधि
शुक्रवार के दिन सुबह सबसे पहले उठकर स्नान आदि करें. माना जाता है कि शुक्रवार का व्रत रखने से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है. व्रत रखने वाले भक्त संकल्प लें. इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें. कथा पढ़ें या सुनें. इसके बाद आरती करें. शाम के समय भी लक्ष्मी जी की नियमानुसार पूजा करें.
शुक्रवार के उपाय
1. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान लाल फूल जैसे- गुलाब, गुड़हल या कमल चढ़ाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है.
2. आज के दिन काली चीटिंयों को चीनी खिलाएं. ऐसा करने से रुके हुए काम बन जाते हैं.
3. सफेद कपड़ा मंदिर में दान करें. मान्यता है कि इस उपाय से घरेलू कलह खत्म हो जाते हैं.
4. रात को ‘ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नम: स्वाहा’ मंत्र का 108 बार जाप करें. मान्यता है कि इससे आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है.
5. रात में दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर श्रीहरि का अभिषेक करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. उनके आशीर्वाद से धन-धान्य से संबंधित कष्ट दूर हो जाएंगे. आप कर्ज मुक्त हो जाएंगे.
इन मंत्रों का करें जाप
इस दिन “ॐ शुं शुक्राय नम:” या “ॐ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं” मंत्रों का जाप करें.
शुक्र बीज मंत्र:
|| ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ||
शुक्र गायत्री मंत्र:
|| ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥
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