Nath Corroidor: बरेली में बनेगा नाथ कॉरिडोर, सात प्राचीन शिव मंदिरों को अयोध्या काशी जैसे जोड़ा जाएगा
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Nath Corroidor: बरेली में बनेगा नाथ कॉरिडोर, सात प्राचीन शिव मंदिरों को अयोध्या काशी जैसे जोड़ा जाएगा

Nath Corroidor In Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा. बरेली शहर में नाथ कॉरिडोर के तहत सात प्राचीन शिव मंदिरों को अयोध्या काशी की तर्ज पर जोड़ा जाएगा.

Nath Corridor in Bareilly

यूपी के बरेली में सातों पौराणिक नाथ शिव मंदिर को मिलाकर एक धार्मिक कॉरिडोर के तहत जोड़ा जाएगा. वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के राम जन्मभूमि तीर्थस्थल की तर्ज पर इस नाथ कॉरिडोर का विकास किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलीय समीक्षा के दौरान ये ऐलान किया है. बरेली जिले के सात पौराणिक नाथ मंदिरों को अलखनाथ मंदिर, मढ़ीनाथ, तपेश्वर नाथ, धोपेश्वर नाथ, पशुपतिनाथ, वनखंडी नाथ मंदिर से जोड़कर कॉरिडोर बनाया जाएगा.

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योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बरेली के नाथ कॉरिडोर को वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और अयोध्या के राम जन्मभूमि तीर्थ स्थल की तर्ज पर विकसित किया जाए.मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नाथ कॉरिडोर के चारों ओर 6 लेन की सड़क बनाई जानी चाहिए. धार्मिक  सर्किट के नजदीकी इलाके में बेहतर परिवहन सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बसें की सुविधा यात्रियों को दी जाए. बरेली विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक में सीएम ने ये बड़ी बात की. 

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मालूम हो कि नाथ कॉरिडोर के पहले उत्तर प्रदेश में कई धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित किए जा चुके हैं. रामायण सर्किट, महाभारत सर्किट परियोजना पर काम चल रहा है. अयोध्या का राम मंदिर भी 2024 के शुरुआती महीनों में पूरा हो जाने की संभावना है. जबकि हजारों करोड़ रुपये की लागत से काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर भी भव्य स्वरूप में तैयार हो चुका है.

मथुरा वृंदावन कॉरिडोर पर भी काम चल रहा है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही 1 ट्रिलियन डॉलर  इकोनॉमी के तहत यूपी के धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाओं को दोहन करने का निर्देश दे रखा है. इसके लिए मंदिरों को भव्यता, सुविधा और परिवहन के लिहाज से सुगम बनाने की तैयारी है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों के विकास और पुनरोद्धार को लेकर काफी रुचि रखते हैं. काशी विश्वनाथ धाम उनका ही ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो बाबा भोलेनाथ का भव्य स्वरूप में आज प्रसिद्धि पा रहा है. 

 

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