गाजियाबाद: मालिक के पूरे घर को मौते के घाट उतारने वाले दरिंदे ड्राइवर को फांसी , 9 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
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गाजियाबाद: मालिक के पूरे घर को मौते के घाट उतारने वाले दरिंदे ड्राइवर को फांसी , 9 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा

गाजियाबाद के बिजनेसमैन सतीश गोयल और उनके पूरे परिवार को एक ही रात में खत्म कर देने वाले दरिंदे ड्राइवर को कोर्ट ने सजा सुना दी है. दोषी ड्राइवर राहुल वर्मा को कोर्ट ने फांसी की सज़ा का फरमान दिया है. चंद पैसों के लिए ड्राइवर ने 9 साल पहले परिवार के सात लोगों का खून कर दिया, जिनमें 3 नाबालिग भी शामिल थे! पढ़ें दिल दहला देने वाली खबर

गाजियाबाद: मालिक के पूरे घर को मौते के घाट उतारने वाले दरिंदे ड्राइवर को फांसी , 9 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा

गाजियाबाद: गाजियाबाद के घंटाघर नई बस्ती इलाके में कारोबारी सतीश गोयल के घर के अंदर 7 लोगों का कत्ल किया गया था. एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या से पूरे शहर में हड़कंप मच गया था. इस मामले में परिवार के पुराने ड्राइवर को अदालत ने दोषी ठहराया था. बीते शनिवार को कोर्ट के इस फैसले के बाद सजा सुनाने के लिए सोमवार की तारीख फिक्स की गई थी. हत्यारे ड्राइवर राहुल वर्मा पर मृत कारोबारी के घर से लाखों रुपये के गहने और जेवरात लूटकर भागने का मामला सिद्ध हुआ है. 

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कारोबारी, उनकी पत्नी, बेटा-बहू और तीन पोते-पोतियों को मार डाला गया
गौरतलब है कि साल 2013 में गाजियाबाद के घंटाघर, नई बस्ती इलाके में एक कारोबारी के घर में सात लोगों की हत्या कर दी गई. इस मामले में दोषी ठहराए गए पूर्व कार चालक को गाजियाबाद की अदालत ने सोमवार को सजा सुनाई. यह कांड गाजियाबाद के इतिहास का सबसे सनसनीखेज हत्याकांड है. करीब 9 साल पहले, 21 मई 2013 की रात को 65 वर्षीय बिजनेसमैन सतीश गोयल, उनकी 62 वर्षीय पत्नी मंजू गोयल, बेटे सचिन (36 साल), बहू रेखा (34 साल) और उनके तीन नाबालिग बच्चों को चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया गया था. इसके बाद से ही दोषी ड्राइवर राहुल वर्मा के खिलाफ केस गाजियाबाद की एक अदालत में चल रहा था.

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9 साल की कानूनी लड़ाई और 30 गवाहों की पेशी
अब इस केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इसमें राहुल वर्मा को दोषी मानते हुए अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दोषी राहुल वर्मा पर अदालत ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बता दें, 9  साल तक चली इस कानूनी लड़ाी में 30 गवाह पेश किए गए, जिसमें से 28 पीड़ित पक्ष की तरफ से थे और 2 गवाह आरोपी पक्ष की तरफ से. 

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आज हुई सत्य की जीत
इतना ही नहीं, पीड़ित परिवार के दामाद के मुताबित, आज फाइनली सत्य की जीत हुई है और एक लंबी लड़ाई के बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल गया है. 

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