Agra News: यूपी के आगरा में सफाई सुपरवाइजर से मारपीट के मामले में सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी पार्षद के विरोध में अब सफाई यूनियन भी मैदान में उतर आई हैं.
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आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मंगलवार से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं. बताया जा रहा है कि सुपरवाइजर ने वार्ड क्रमांक 86 के पार्षद पर मारपीट के आरोप लगाए है. इसी वजह से सफाई कर्मचारियों में अब आक्रोश है और पार्षद पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
यह है पूरा मामला
दरअसल दो दिन पहले 5 अगस्त को सुबह सफाई सुपरवाइजर विशालदीप से वार्ड क्रमांक 86 के पार्षद ऋषभ गुप्ता ने कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर छीन लिया. विशालदीप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जब उसने पार्षद का विरोध किया तो उसके साथ मारपीट कर दी गई. इस बात की जानकारी लगते ही सभी सफाई कर्मचारी भी मैदान में उतर आए और एकजुटता दिखाते हुए धरने पर बैठ गए हैं. बताया जा रहा है कि इस संबंध में कर्मचारी यूनियन ने एक संघर्ष मोर्चा भी बना लिया है. इसी के साथ सुंदर समिति के अध्यक्ष झुल्लो राम वाल्मीकि ने मंगलवार को हड़ताल का ऐलान कर दिया है. तो वहीं पार्षद के समर्थन में भी पार्षदों ने निगम के कमिश्नर को भी ज्ञापन सौंपा है.
सफाई कर्मचारी ने लगाए आरोप
आगरा में दो दिन पहले सफाई कर्मचारी विशालदीप ने वार्ड 86 के पार्षद पर मारपीट के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी. फिलहाल यह मामला अब और गरमा गया है और जिले के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है. सफाई करचारी के अनुसार उसे पार्षद द्वारा गंभीर रूप से मारा गया है. इससे उसे कई चोटों के साथ घावों पर 7 साथ टांके आए हैं.
पार्षदों ने निगम कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन
वार्ड क्रमांक 86 के पार्षद ऋषभ गुप्ता के समर्थन में भी अब बाकी के पार्षद आ गए हैं. पार्षदों की तरफ से भी निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंप दिया गया है. इस मामले में पार्षदों का कहना है कि सुपरवाइजर द्वारा गलत आरोप लगाए गए हैं. इसी के साथ निरीक्षण में कई जगह सफाई कर्मचारियों की संख्या एक चौथाई भी नहीं मिल रही थी.
पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
असल में इस मामले में पार्षद ऋषभ गुप्ता पर थाना हरी पर्वत पुलिस ने एससी एसटी एक्ट समेत 7 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इसके बाद भी अब तक आरोपी पार्षद की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि कई दिनों से अल्टीमेटम देने के बाद भी पुलिस की शिथिल कार्रवाई और राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें हड़ताल करनी पड़ी है. इसी के साथ चेतावनी भी दी है कि जब तक पार्षद ऋषभ गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
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