Zee Real Heroes Awards: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 'जी रियल हीरोज अवॉर्ड्स' कार्यक्रम में शिरकत की. जहां उन्होंने समाज के असली हीरोज को सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने ज़ी न्यूज़ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की.
Trending Photos
Zee Real Heroes Awards: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 'जी रियल हीरोज अवॉर्ड्स' कार्यक्रम में शिरकत की. जहां उन्होंने समाज के असली हीरोज को सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने ज़ी न्यूज़ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. अपने बेबाक अंदाज में उन्होंने राजनीति, सरकार और समाज से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बात की. आइए जानते हैं, इस इंटरव्यू के प्रमुख अंश..
सवाल: महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस या देवा भाऊ?
जवाब: जो मुझसे प्यार करते हैं, वे मुझे देवा भाऊ कह सकते हैं. जिनके लिए फॉर्मेलिटी जरूरी है, वे मुझे देवेंद्र फडणवीस या सीएम फडणवीस कह सकते हैं.
सवाल: 'जी रियल हीरोज अवॉर्ड्स' की तरह आप भी अपनी सरकार में प्रतिभाओं को सम्मानित करते हैं?
जवाब: हमारा हमेशा प्रयास रहता है कि हम नए लोगों को खोजें और उन्हें प्रोत्साहित करें. उदाहरण के तौर पर हमने 'सीएम फेलोज़' प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें 11 महीने के लिए देश-दुनिया से प्रतिभाओं को चुना जाता है. इसमें ऐसे भी कई लोग हैं जो अपनी नौकरी छोड़कर समाज सेवा में योगदान देते हैं. हर क्षेत्र में अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करना हमारी प्राथमिकता है.
सवाल: "आता माझा सटकली" स्टाइल में बांग्लादेशियों को निकाल रहे हैं?
जवाब: हम बदले की भावना से नहीं, बल्कि बदलाव की भावना से काम कर रहे हैं. जो लोग हमारे राष्ट्र के खिलाफ हैं और अराजकता फैला रहे हैं, उन्हें चुन-चुनकर बाहर निकालना होगा. लेकिन, जो भी राष्ट्रीय विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हैं.. उनका किसी भी धर्म, जाति, और भाषा के बावजूद सम्मान है.
सवाल: आपने कहा था, "मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा." इसकी कहानी क्या है?
जवाब: जब हमें बहुमत मिला था, तब भी मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया गया. विरोधियों ने मजाक बनाया. तब मैंने कहा था, "मेरे किनारे पर घर मत बनाना, मैं समंदर हूं, लौटकर आऊंगा." अब मैं सुनामी के साथ लौटा हूं.
सवाल: उद्धव ठाकरे की मुलाकात पर क्या कहेंगे?
जवाब: उद्धव ठाकरे से मिलने मैं नहीं गया था, वो मुझसे मिलने आए थे. कुछ तारीफें ऐसी होती हैं, जो आपको भ्रमित कर सकती हैं. हमें राजनीति की पूरी समझ है और ऐसी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सवाल: क्या उद्धव ठाकरे की घर वापसी संभव है?
जवाब: महाराष्ट्र की जनता ने महायुति को इतना अच्छा जनादेश दिया है कि चौथे की कोई जगह ही नहीं है. शिंदे साहब और मैं दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और मिलकर काम कर रहे हैं.
सवाल: राजनीति में आपका लक्ष्य क्या है?
जवाब: राजनीति मेरे लिए कोई करियर नहीं, बल्कि एक मिशन है. मैंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखा है कि राष्ट्र प्रथम है. यह जिम्मेदारी मुझे ठीक से निभानी है.
सवाल: क्या आप पीएम मोदी के उत्तराधिकारी हैं?
जवाब: मैं किसी लिस्ट में नहीं हूं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जिन विचारों के लिए काम कर रहे हैं, उनका उत्तराधिकारी जरूर हूं. राजनीति में हमेशा जमीन से जुड़े रहना चाहिए.
सवाल: लाडली बहन योजना को लेकर क्या कहेंगे?
जवाब: यह योजना शिवराज सिंह चौहान जी ने मध्य प्रदेश में शुरू की थी और बेहद सफल रही. उसी तर्ज पर एकनाथ शिंदे जी ने इसे महाराष्ट्र में लागू किया. हमारी लाडली बहनों ने हमें अपार समर्थन दिया.
सवाल: "एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे" नारे की सफलता पर?
जवाब: यह नारा प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिया, जो इस चुनाव का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. यह संदेश स्पष्ट था कि एकता में ही सुरक्षा है.
सवाल: क्या वोट जिहाद और धर्म युद्ध के मुद्दे ध्रुवीकरण के लिए उठाए गए?
जवाब: वोट जिहाद का जवाब देना ज़रूरी था. जब विपक्ष धर्म के नाम पर राजनीति करता है, तो हमें भी सत्य और धर्म के पक्ष में खड़ा होना पड़ता है. यह कोई ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि सच्चाई का समर्थन था.
सवाल: विपक्ष के ईवीएम छेड़छाड़ के आरोपों पर क्या कहेंगे?
जवाब: जब वे हारते हैं, तो ईवीएम को दोष देते हैं, और जब जीतते हैं, तो लोकतंत्र की जीत कहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें फटकार लगाई है.
सवाल: 100 दिनों का प्लान क्या है?
जवाब: हर विभाग को 100 दिनों का एक खाका तैयार करने को कहा गया है. गृह मंत्रालय के तहत हमारी प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.