सुबह नहीं, रात में लगाएं Deodorant: पसीने और बदबू को दूर करने के लिए Dermatologist का चौंकाने वाला खुलासा
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सुबह नहीं, रात में लगाएं Deodorant: पसीने और बदबू को दूर करने के लिए Dermatologist का चौंकाने वाला खुलासा

डियोड्रेंट लगाना हमारी सुबह की रूटीन का अहम हिस्सा होता है. काफी सारे लोग उठते ही, कपड़े पहनते ही और घर से निकलने से पहले हर कोई डियोड्रेंट लगाता है.

सुबह नहीं, रात में लगाएं Deodorant: पसीने और बदबू को दूर करने के लिए Dermatologist का चौंकाने वाला खुलासा

डियोड्रेंट लगाना हमारी सुबह की रूटीन का अहम हिस्सा होता है. काफी सारे लोग उठते ही, कपड़े पहनते ही और घर से निकलने से पहले हर कोई डियोड्रेंट लगाता है. लेकिन, अब एक्सपर्ट्स ने बड़ा खुलासा किया है कि डियोड्रेंट लगाने का सबसे सही समय सुबह नहीं, बल्कि रात है.

मिसिसिपी की एक स्किन एक्सपर्ट (Dermatologist) डॉक्टर लिंडसे जुब्रिट्स्की ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि डियोड्रेंट लगाने का सही समय रात है. इस वीडियो को अब तक 3.40 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उन्होंने वीडियो में कहा कि अगर आप रात में डियोड्रेंट नहीं लगा रहे हैं, तो आप गलत तरीका अपना रहे हैं. रात में हमारे पसीने के ग्रंथियां कम सक्रिय होती हैं, इसलिए एंटीपर्सपिरेंट ज्यादा प्रभावी रूप से अब्जॉर्ब होता है.

क्या है इसके पीछे का साइंस?
एंटीपर्सपिरेंट रात में अधिक प्रभावी ढंग से अब्जॉर्ब होते हैं क्योंकि शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से नींद के लिए तैयार होता है, जिसमें मेलाटोनिन का उत्पादन बढ़ जाता है. मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है, जो नींद और जागने के चक्र को कंट्रोल करता है. जब रात में अंधेरा होता है और आंखों द्वारा रोशनी का अब्जॉर्ब कम हो जाता है, तो शरीर में मेलाटोनिन का लेवल बढ़ जाता है.

रात में डियोड्रेंट लगाने से क्या होता है?
शरीर के तापमान को कम करने के अलावा, मेलाटोनिन ब्लड प्रेशर को भी कम करता है और दिल की गति को धीमा करता है, जिससे शरीर को संकेत मिलता है कि सोने का समय हो गया है. जब आप मेलाटोनिन के बढ़ने के साथ रात में डियोड्रेंट लगाते हैं, तो यह पसीने की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित पसीने और गंध को रोकने का काम करता है.

दो तरह का पसीना
हमारे शरीर में दो तरह की पसीने की ग्रंथियां होती हैं- इक्रीन और एपोक्राइन. इक्रीन ग्रंथियां पूरे शरीर में मौजूद होती हैं और सीधे त्वचा की सतह पर खुलती हैं, जिससे पसीने की बूंदें निकलती हैं. लेकिन एपोक्राइन ग्रंथियां बालों के पोर्स वाले पार्ट में विकसित होती हैं और स्किन की सतह तक जाती हैं. ये आमतौर पर बगल, स्किन और गुप्तांग में पाए जाते हैं और शरीर की गंध पैदा करते हैं.

डियोड्रेंट और एंटीपर्सपिरेंट अलग-अलग तरीके से करते हैं काम
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी यह भी बताती है कि रात में डियोड्रेंट या एंटीपर्सपिरेंट लगाने से पसीने की नलियों को बंद करने के लिए 6-8 घंटे का समय मिलता है. डियोड्रेंट और एंटीपर्सपिरेंट शरीर की गंध को अलग-अलग तरीकों से कम करते हैं. डियोड्रेंट गंध को खत्म करने के लिए होते हैं, लेकिन पसीने को कम नहीं करते हैं. दूसरी ओर, एंटीपर्सपिरेंट में एल्यूमीनियम-आधारित तत्व होते हैं, जो पसीने के पोर्स को बंद कर देते हैं, जिससे पसीना नहीं आता.

इस बात का रखें ध्यान
अगर अपने शाम को स्नान किया है कि नहाने के तुरंत बाद ही अपना डियोड्रेंट या एंटीपर्सपिरेंट न लगाएं. दोनों प्रोडक्ट्स ड्राई स्किन पर सबसे प्रभावी होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप लगाने से पहले तौलिए से अच्छी तरह से पोंछ लें.

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