उंगलियां चटकाने से बढ़ता है आर्थराइटिस का रिस्क? जानिए ये सच है, या महज एक अफवाह
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उंगलियां चटकाने से बढ़ता है आर्थराइटिस का रिस्क? जानिए ये सच है, या महज एक अफवाह

हम में से काफी लोग ऐसे हैं जिनको उंगलियां चटकाना पसंद है, और इस काम को बार-बार रिपीट करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को मन में ये डर रहता है कि कहीं ये आर्थराइटिस की वजह न बन जाए. 

उंगलियां चटकाने से बढ़ता है आर्थराइटिस का रिस्क? जानिए ये सच है, या महज एक अफवाह

Does Knuckle Cracking Cause Arthritis: उंगलियां चटकाना एक बेहद नॉर्मल एक्टिविटी है, कई बार मजाक-मजाक में भी ऐसा करते हैं. कई लोग बोरियत दूर करने के लिए भी इस काम को अंजाम देते हैं क्योंकि उन्हें इसकी आवाज बेहद पसंद आती है. कई बार हमारे मन में ये सवाल आता है कि क्या ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं.

उंगलियां चटकाने से गठिया का कितना खतरा?
कई बार लोगों को बार-बार उंगलियां चटकाने की आदत पड़ जाती है. जॉन हापकिंस अर्थराइटिस सेंटर के अनुसार फिंगर्स के ज्वॉइंट्स में सायनोवियल फ्ल्यूड होता है, और उसमें जो गैस के बुलबुले फूटते हैं उसमें से आवाज आती है. लेकिन क्या बार-बार उंगलियां चटकाना आर्थराइटिस का सकेंत है. आइए जानते हैं कि ये बात कितनी सच है

वैसे तो उंगलियां चटकाने से आर्थराइटिस का खतरा नहीं बढ़ता, लेकिन अगर आप ये काम बार-बार कर रहे हैं तो ये सूजन या अनकंफर्ट की वजह बन सकता है. इसलिए जब भी आप अजहज महसूस करें तो उंगलियां चटकाना बंद कर दें.

इस मसले पर कई तरह की स्टडीज को अंजाम दिया गया है, लेकिन उंगलियां चटकाने और आर्थराइटिस के बीच किसी तरह का कनेक्शन नहीं पाया गया है. इसलिए घबराने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

आर्थराइटिस क्यों होता है?

आर्थराइटिस एक आम लेकिन जटिल बीमारी है, जो जोड़ों में सूजन, दर्द और कठोरता का कारण बनती है. ये खास तौर से ओल्ड एज में होता है, लेकिन युवाओं को भी प्रभावित कर सकता है.आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) सबसे कॉमन हैं.

1. बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों के कार्टिलेज (गद्दीदार ऊतक) का घिसना आम है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है.

2. जेनेटिक्स: अगर आपकी में किसी को आर्थराइटिस है, तो अगली पीढ़ी में इसके होने की आशंका बढ़ जाती है.

3. हेवी बॉडी: ज्यादा वजन या बहुत अधिक शारीरिक मेहनत करने से जोड़ों पर दबाव बढ़ता है, जिससे आर्थराइटिस हो सकता है.

4. इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी: रूमेटॉइड आर्थराइटिस तब होता है जब बॉडी की इम्यूनिटी गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करती है.

5. चोटें और संक्रमण: जोड़ों में पुरानी चोट या संक्रमण भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं.

कैसे करें बचाव?
आर्थराइटिस से बचने के लिए ये जरूरी है कि आप बैलेंस्ड डाइट लें और रेगुलर एक्सरसाइज करें. इस बाद का ख्याल रखें कि हेल्दी लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है. जरूरत होने पर एक्सपर्ट की सलाह भी बेहद जरूरी है.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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