मोबाइल, सोशल मीडिया और करियर प्रेशर ने बढ़ाया यूथ का मेंटल स्ट्रेस! पेरेंट्स इन 5 तरीकों से करें अपने बच्चों की मदद
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मोबाइल, सोशल मीडिया और करियर प्रेशर ने बढ़ाया यूथ का मेंटल स्ट्रेस! पेरेंट्स इन 5 तरीकों से करें अपने बच्चों की मदद

बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ता करियर प्रेशर और सोशल मीडिया की लत आज की युवा पीढ़ी के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल रही है. मोबाइल स्क्रीन पर घंटों बिताना, सोशल मीडिया पर लाइक्स और कमेंट्स की चिंता और नौकरी की टेंशन के कारण से युवा तनाव के शिकार हो रहे हैं.

मोबाइल, सोशल मीडिया और करियर प्रेशर ने बढ़ाया यूथ का मेंटल स्ट्रेस! पेरेंट्स इन 5 तरीकों से करें अपने बच्चों की मदद

आज का युवा पीढ़ी मोबाइल और सोशल मीडिया के जाल में फंसी हुई है. करियर के प्रति बढ़ते दबाव के साथ ये युवा मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. इस बढ़ते तनाव से निपटने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों का सहारा बनना होगा.

मोबाइल और सोशल मीडिया ने युवाओं के जीवन को बहुत प्रभावित किया है. सोशल मीडिया पर हमेशा एकदम परफेक्ट जीवन जी रहे लोगों को देखकर युवाओं में असुरक्षा और अकेलेपन की भावना पैदा होती है. साथ ही, करियर के प्रति बढ़ते दबाव के कारण युवाओं में तनाव और चिंता का स्तर बढ़ रहा है.

कैसे बढ़ रहा है युवाओं में मानसिक तनाव?

सोशल मीडिया एडिक्शन: इंस्टाग्राम, फेसबुक और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगातार एक्टिव रहने की आदत से युवा अपनी असल जिंदगी से कट रहे हैं. वे दूसरों की लाइफ से तुलना कर खुद को कमतर महसूस करने लगते हैं.

करियर का दबाव: स्कूल-कॉलेज में बेहतर परफॉर्म करने और एक सफल करियर बनाने का दबाव युवाओं को मानसिक रूप से थका देता है. माता-पिता और समाज की उम्मीदें भी इस प्रेशर को और बढ़ाती हैं.

डिजिटल डिटॉक्स की कमी: मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स की लत के कारण युवाओं की नींद कम होती जा रही है, जिससे उनका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता और तनाव बढ़ जाता है.

सोशल इंटरेक्शन की कमी: ऑनलाइन वर्ल्ड में ज्यादा समय बिताने की वजह से युवा असल जिंदगी में सामाजिक मेलजोल से दूर होते जा रहे हैं, जिससे वे अकेलापन महसूस करने लगते हैं.

पेरेंट्स इन 5 तरीकों से कर सकते हैं मदद

1. खुलकर करें बातचीत
बच्चों के साथ दोस्ताना माहौल बनाएं और उनसे उनकी परेशानियों पर खुलकर बात करें. बिना जज किए उनकी बातें सुनें और उन्हें भरोसा दिलाएं कि वे आपसे कुछ भी शेयर कर सकते हैं.

2. मोबाइल स्क्रीन टाइम करें लिमिट
बच्चों के मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए सीमाएं तय करें. उन्हें प्रोडक्टिव एक्टिविटीज,जैसे कि स्पोर्ट्स, किताबें पढ़ने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें.

3. करियर प्रेशर न बढ़ाएं, उन्हें सपोर्ट करें
करियर को लेकर बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालने की बजाय, उनकी रुचियों और क्षमताओं को समझें और उन्हें अपने तरीके से आगे बढ़ने की आज़ादी दें.

4. मेंटल हेल्थ को दें प्रायोरिटी
अगर बच्चा ज्यादा तनाव में दिखे, तो उसकी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें. जरूरत पड़ने पर काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट की मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं.

5. परिवार के साथ समय बिताएं
परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. साथ में डिनर करना, वीकेंड पर ट्रिप प्लान करना और रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातें शेयर करना उनके तनाव को कम कर सकता है.

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