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मकान मालिक होते हुए भी आपका कोई हक मार ले, तो क्या होगा? जब अपने ही घर के बाहर डेरा डालने पर मजबूर होना पड़े तो आपको कैसा लगेगा? ऐसा ही कुछ हो रहा है एक बुजुर्ग दंपति के साथ, जहां किराएदार के दबंगई के चलते मकान मालिक को गांधीगिरी का सहारा लेना पड़ रहा. अपने ही घर के बाहर बैठे मकान मालिक राखी गुप्ता की आंखों के आंसू उनका दर्द बयां कर रहे हैं. इन्हें नहीं पता कि इनका किराएदार इन्हें अपना मकान कब तक देगा. दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा स्थित स्काई गार्डन सोसाइटी के मकान नंबर 1505 पर वेलकम जरूर लिखा है, लेकिन मकान मालिक को इंतजार है कि उनके अपने घर में कब वेलकम होगा.
किराएदार ने किया घर पर कब्जा
मुंबई से बुजुर्ग दंपति राखी गुप्ता और उनके रिटायर्ड पति ने दिसंबर 2019 में अपनी मेहनत की कमाई से घर खरीदा, लेकिन चार दिन बीत गए, सामान भी मूवर्स और पैकर्स से यहां पहुंच चुका है. सीढ़ियों पर रखा सामाना भी इंतजार कर रहा है कि कब वो मकान के मालिक के साथ अंदर प्रवेश करेंगे. दरअसल, इस मकान के असली मालिक कई दिनों से अपने किराएदार के हाथ जोड़ रहे हैं कि उनका मकान खाली कर दे और इसी इंतजार में दंपति अपने फ्लैट के बाहर सीढ़ियों पर दिन गुजारने के लिए मजबूर हैं. जिन लोगों को अपने घर के ड्राइंग रूम में होना चाहिए था वो यहां सीढ़ियों पर अपना दिन काट रहे हैं.
मकान मालिक ने लगाए ये आरोप
मकान मालिक राखी गुप्ता ने कहा, 'हम कहां जाए, हम कहां रहेंगे. हम बहुत दिन तक होटल में नहीं रह सकते. उन्होंने मुझे गंदी-गंदी गालियां दीं. यह भी कहते हैं कि अपने बुढापे का ख्याल करो.' लीज पीरियड 10 जून को खत्म हो चुका है. दंपति का दावा है कि पहले भी कई बार ऐसा कर चुके हैं. 20 जुलाई से ये लोग मुंबई से दिल्ली आ चुके हैं. किराएदार लगातार मकान खाली करने की बात टालता रहा.
पुलिस प्रशासन से लगाई गुहार
आखिरकार किराएदार घर की चाभी देने से ही इनकार कर दिया है. मकान मालिकों के अनुसार, प्रीती गुप्ता नाम की किराएदार ब्रोकरेज का काम करती है. स्काई गार्डन सोसाइटी के लोग भी किराएदार की ऐसी हरकत से हैरान हैं. यहां पड़ोसी मानते हैं पुलिस और प्रशासन को मकान मालिकों की मदद करनी चाहिए, लेकिन हैरानी है कि अब तक मकान मालिकों अपना घर नहीं मिल पाया है.
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