आखिर कैसे तय हुआ सप्ताह में होंगे सात दिन? जानिए ये दिलचस्प कहानी
Advertisement
trendingNow11802851

आखिर कैसे तय हुआ सप्ताह में होंगे सात दिन? जानिए ये दिलचस्प कहानी

Week Facts: यह बात तो हम सभी जानते हैं कि सप्ताह में 7 दिन होते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर सप्ताह में 7 दिन ही क्यों रखा गया. सप्ताह में 8 या 6 दिन क्यों नहीं रखे गए. आइए आपको इसके पीछे की कहानी सुनाते हैं.

फाइल फोटो

Why Are There Only Seven Days: स्कूली शिक्षा के दौरान शुरुआती कक्षाओं में बच्चों को सप्ताह में 7 दिनों के नाम याद कराए जाते हैं. यह बात हम बहुत पहले से जानते हैं कि सप्ताह में 7 दिन होते हैं जिसका पहला दिन सोमवार से शुरू होकर अंतिम दिन रविवार पर खत्म होता है. नौकरी करने वालों को हमेशा सप्ताह के अंतिम दिनों का खास ख्याल रहता है. ज्यादातर ऑफिस में शनिवार-रविवार की छुट्टी होती है, लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि आखिर सप्ताह में 7 दिन ही क्यों होते हैं? 

सप्ताह में 7 दिन होंगे, इसकी संख्या तय करने के लिए खगोलीय पिंडों को आधार बनाया गया. कुछ शुरुआती मानव सभ्यताओं ने ग्रहों, सूर्य और चंद्रमा की गतिविधियों को आधार बनाकर कई तरह के प्रेडिक्शन किए. ऐसा माना जाता है कि बेबीलोन जो वर्तमान में इराक हैं, यहां पर प्रचीन काल में लोग आकाशीय गणना में काफी एक्सपर्ट हुआ करते थे. यहीं पर सबसे पहले सप्ताह में 7 दिनों की वकालत की गई थी.

सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति की गति को ध्यान में रखा गया. यहीं से सप्ताह में सात दिन रखे गए. इतना ही महीने की गणना करने के लिए चंद्रमा के चाल की गणना की गई, जिससे पता चला कि 28 दिन में चंद्रमा अपनी पिछली स्थिति को दोहराता है. इससे तय किया गया कि महीने में 4 सप्ताह होंगे. मिस्र और रोम जैसी सभ्यताओं में पहले सप्ताह 8-10 दिनों का हुआ करता है. इसके साथ ही वो लोग हफ्ते के आखिर में पूजा-पाठ के लिए अलग रखते थे.

भारत में सप्ताह के 7 दिनों का जिक्र सिकंदर के बाद से मिलता है, सिकंदर के आक्रमण के बाद ग्रीस कल्चर का प्रसार काफी तेजी से हुआ. इसी तरह भारत में 7 दिनों का हफ्ता होने लगा. रोम में सैटर्न, मून, मार्स, मर्करी, जूपिटर और वीनस के नाम पर हफ्ते का नाम रखा गया. जो आगे चलकर अंग्रेजी में मंडे, संडे, फ्राइडे और हिंदी में गुरुवार, बुधवार, शुक्रवार हो गया.

Trending news