First Indian Film Earn 1 Crore: आजकल की फिल्में करोड़ों में बनती हैं और करोड़ों में उसकी कमाई होती है. लेकिन पहले के जमाने में यानी कि 60s से 90s तक का वो दौर था, जब फिल्में 100 या 200 करोड़ नहीं बल्कि कुछ चंद लाख रुपये तो कुछ चंद करोड़ में बन जाया करती थी. लेकिन जब भी ऐसी भारत की बिगेस्ट ब्लॉकबस्टर की बात आती है तो शोले, मुगले-ए-आजम की बात होती है. लेकिन आज हम आपको ऐसी फिल्म के बारे में बताएंगे जिसने सालों पहले कई रिकॉर्ड्स को मिनटों में चकनाचूर कर दिया था.
2 घंटा 23 मिनट की इस फिल्म का नाम 'किस्मत' है. जो साल 1943 में रिलीज हुई थी. इसमें अशोक कुमार, मुमताज शांति, शाह नवाज लीड रोल में थे. फिल्म का निर्देशन ज्ञान मुखर्जी ने किया था. ये फिल्म ना केवल बॉक्स ऑफिस हिट थी बल्कि सिनेमा में ऐसे दौर की शुरुआत की थी जिसे पहले कभी किसी ने पर्दे पर नहीं उतारा.
ये कॉन्सेप्ट था ग्रे हीरो का. उस दौर में जहां फिल्मों में नामचीन सितारों को सिर्फ हीरो के तौर पर दिखाया जाता था. उस वक्त इस फिल्म के जरिए ग्रे एरा की शुरुआत हुई. यानी कि नामचीन सितारों को ग्रे शेड में उतारा गया. यानी कि वो किरदार जो सही और गलत के बीच में हो. ये रोल इस फिल्म में अशोक कुमार ने किया था. जो पॉकेट मार चोर बने थे.
इस फिल्म से ग्रे शेड की शुरुआत हुई और उसके बाद इसे 70s से कई फिल्मों में उतारा गया. जिसे अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की फिल्मों में देखा गया. 'बाजीगर' और 'डर' तो याद ही होगी. जो बड़ी हिट हुई थी.
इतना ही नहीं इस फिल्म में पहली बार पर्दे पर बिन ब्याही प्रेग्नेंट महिला को भी दिखाया गया था. जिसे इससे पहले कभी भी किसी भी फिल्म में इससे पहले नहीं दिखाया गया था. 82 साल पहले आई फिल्म का बजट करीबन 2 लाख था. जबकि कलेक्शन 1.6 करोड़ था. जो उस वक्त काफी बड़ी बात थी.
इस फिल्म ने इस एक और रिकॉर्ड बना लिया था. ये भारत की पहली ऐसी सबसे लंबे वक्त तक थिएटर में लगी रहने वाली फिल्म बन गई. 184 दिन तक कोलकाता के रौक्सी सिनेमा में लगी थी. इसके बाद इस फिल्म की जगह 1949 में आई राज कपूर की बरसात ने ले ली थी. इतना ही नहीं इस फिल्म के बाद अशोक कुमार इंडिया के पहले सुपरस्टार बन गए थे.
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