Akash Missile: भारतीय सेना की चेतक कोर के वायु रक्षा योद्धाओं ने ओडिशा के गोपालपुर सीवर्ड फायरिंग रेंज में आकाश मिसाइल से फायरिंग की. साथ ही दिन और रात दोनों समय कम ऊंचाई और अधिकतम दूरी पर सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदा. आकाश मिसाइल भारत के ज़रिए स्वदेशी रूप से तैयार की गई एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसे खास तौर पर भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की हवाई सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है.
आकाश मिसाइल की मारक दूरी लगभग 25-30 किमी तक है. यह 18000 मीटर (लगभग 60000 फीट) तक की ऊंचाई पर लक्ष्य लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट कर सकती है.
इसे 'मेक इन इंडिया' के तहत DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने तैयार किया है. जिससे भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है. भारत में तैयार होने की वजह से इसकी लागत अन्य विदेशी मिसाइल सिस्टम्स की तुलना में कम है.
यह मिसाइल रडार के ज़रिए कंट्रोल नियंत्रित होती है और यह मल्टी-टारगेट क्षमता रखती है. इसमें राजेंद्र रडार का इस्तेमाल होता है, जो एक स्वदेशी 3D फ़ेज़्ड ऐरे रडार है. यह 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और एक समय में 12 को निशाना बना सकता है.
इसे ट्रक-माउंटेड सिस्टम के रूप में डिजाइन किया गया है, जिससे इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है. साथ ही अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में तबाही मचाने को तैयार रहती है.
इसकी हाई-स्पीड रिएक्शन क्षमता इसे अप्रत्याशित हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाती है और इसे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) से बचने के लिए विशेष तकनीक के साथ डिजाइन किया गया है.
भारतीय सेना और वायुसेना के ज़रिए बड़े पैमाने पर उपयोग में है. इसकी तैनाती पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर हवाई खतरों का सामना करने के लिए की जाती है.
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