Baba Bageshwar Dham Maharaj: बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आज 4 जुलाई को जन्मदिन है. बाबा बागेश्वर धाम के बर्थडे पर उनके जीवन से जुड़े वो रोचक तथ्य जानें, जिनसे गुजरकर उन्होंने अब तक सफर तय किया.
सोशल मीडिया पर छाए रहने वाले और मन पढ़ने की कला जानने वाले बागेश्वर धाम सरकार का जन्म 4 जुलाई 1996 में छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ है. जिस ब्राह्मण परिवार में वे जन्मे वह इतना गरीब था कि कई बार भूखे पेट सोने की नौबत आ जाती थी. पहले पिता पंडित करपाल गर्ग को मिली दान-दक्षिणा से ही घर चलता था. फिर मां सरोज गर्ग घर की भैंस का दूध बेचने लगीं.
बागेश्वर धाम महाराज के दादा भगवानदास गर्ग एक सिद्ध संत थे और निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे. वह भी दरबार लगाया करते थे और उनसे ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को शुरुआती धार्मिक ज्ञान मिला.
गांव में लोग उन्हें धीरू नाम से बुलाते हैं. फिर जब वह गढ़ा गांव के प्राचीन हनुमान मंदिर को अपना स्थान बनाकर कथा यज्ञ करने लगे. फिर यहां बालाजी की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई और यह बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर हो गया है.
इसी के साथ धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार और बागेश्वर धाम महाराज के नाम से विख्यात हो गए. कहा जाता है कि इनके दादा की समाधि भी यहां है.
दिनों दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ख्याति बढ़ने लगी. लोग दूर-दूर से उनकी कथा सुनने आने लगे. बागेश्वर धाम और कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री दोनों की प्रसिद्धि का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा.
बाबा बागेश्वर धाम को सबसे ज्यादा ख्याति उनकी मन पढ़ लेने की कला के कारण मिली. बागेश्वर धाम महाराज दिव्य दरबार लगाते हैं, जिसमें पर्ची निकालकर भीड़ में से लोगों का नाम लेकर पुकारते हैं और उसके मन की बात बताते हैं. साथ ही समस्या का समाधान बताते हैं.
बागेश्वर धाम महाराज के मन पढ़ लेने की बात पर कई विवाद हुए, उन पर आरोप भी लगे लेकिन सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल होने का सिलसिला अब भी थमा नहीं है.
बाबा बागेश्वर धाम हर मंगलवार को दिव्य दरबार लगाते हैं. मंगलवार को उनके दरबार में भारी भीड़ उमड़ती है. जन्मदिन के मौके पर कई दिन पहले से ही उनके भक्तों ने मप्र के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में डेरा डाल लिया है.
भीड़ बढ़ते देख बाबा ने अपने जन्मदिन से एक दिन पहले भक्तों से ना आने की अपील की है. उप्र के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में 100 से ज्यादा मौतें होने के बाद एहतियात के तौर पर बागेश्वर धाम महाराज ने अपील की है कि भक्त जहां हैं, वहीं से उनका जन्मदिन मनाएं. गुरु पूर्णिमा पर वे इससे भी व्यापक स्तर पर तैयारियां करेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा भक्त आ सकें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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