Hindu Marriage Rituals In Hindi: शादी एक दिन का समारोह नहीं है बल्कि इससे पहले कई कई रस्मों को निभाया जाता है. दूल्हा और दुल्हन को इस दौरान कई रीति रिवाज निभाने होते हैं. आइए इन रस्मों के बारे में जानें.
विवाह जीवन का एक ऐसा मोड़ होता जिसके बाद दूल्हा और दुल्हन का जीवन पूरी तरह से बदल जाता है. केवल दूल्हा-दुल्हन ही नहीं बल्कि परिवारजन भी शादी को लेकर खूब उत्साहित रहते हैं.
आज हम बात करेंगे विवाह की उन जरूरी रस्मों के बारे में जो परिवार वालों को, रिश्तेदारों को, दोस्तों को यहां तक की दूल्हा दुल्हन को एक बंधन में बांधती हैं. विवाह केवल साज सज्जा, सुंदर कपड़ों और गहनों तक सीमित समारोह नहीं है बल्कि इसके एक-एक रस्म में परिवार सगे संबंधियों के अनेक आशीर्वाद भी जुड़े होते हैं. आइए इन रस्मों के बारे में जानें.
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है , यही कारण है कि हर शुभ व मंगल कार्य से सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. शादी की रस्मों को शुरू करने से पहले गणेश की पूजा दूल्हा और दूल्हन दोनों के घर में की जाती है. शादी किसी विघ्न के बिना ही संपन्न हो जाए ऐसी कामना की जाती है. पूजा करते हुए बप्पा को विवाह समारोह में आमंत्रित भी किया जाता है.
शादी से पहले तिलक की रस्म एक बहुत जरूरी रस्म है. इस रस्म को शादी से कुछ दिन पहले निभाया जाता है. तिलक की रस्म में दुल्हन के पिता या भाई दूल्हे के घर जाते हैं और दूल्हे के माथे पर तिलक करते हैं.
तिलक के समारोह में दूल्हे को एक से एक भेंट दिए जाते हैं. पैसे, नए वस्त्र, फल, मेवे और मिठाइयां उपहार के रूप में लेकर जाया जाता है. तिलक की रस्म के बाद शादी की तैयारिया जोरोंशोरों से की शुरू कर दी जाती है.
संगीत की रस्म में घर के लोग शादी का जश्न मनाते हैं, नाचते हैं, गाते हैं. संगीत का फंक्शन शादी से एक या दो दिन पहले की जाती है. आजकल इस रस्म को बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. ग्रेड मैरिज भले ही न की जा रही हो लेकिन संगीत के फंक्शन से कोई समझौता नहीं किया जा रहा है.
हिंदू शादी में मेहंदी की रस्म की खूब धूम रहती है. इस रस्म में दुल्हन के हाथों पर सुंदर मेहंदी डिजाइन लगाई जाती है. साथ में दोस्त, रिश्तेदार और परिवार के सदस्य भी अपने हाथों पर मेहंदी लगवाते हैं.
ऐसा माना जाता है कि वर-वधु के हाथों में मेहंदी जितनी गहरी रचती है भविष्य में वैवाहिक जीवन उतना ही बेहतरीन होती है. मान्यता है कि दूल्हा-दुल्हन शादी के दौरान थोड़े तनावग्रस्त हो जाते हैं ऐसे में मेहंदी लगाने से उन्हें मानसिक शांति मिल पाती है.
दूल्हा-दुल्हन की शादी की शुरुआत हल्दी की रस्म के साथ हो जाती है. लोगों का मानना है कि हल्दी और उबटन लगाने से त्वचा निखरती है. हिंदू शादियों में इस रस्म का बहुत महत्व होता है. एंटी-बायोटिक
हल्दी की रस्म को लेकर ऐसी मान्यता है कि शादी में कई मेहमान आते हैं, कई कई लोग आते हैं जिनसे मिलते समय दुल्हन और दूल्हा को किसी भी तरह के इंफेक्शन न हो, इसके लिए उन्हें हल्दी और उबटन लगाया जाता है. एक तरह से हल्दी एंटी-बायोटिक के रूप में काम करती है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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