Shortest Train India: यात्री इस ट्रेन में कम सफर करते हैं लेकिन पर्यटकों के बीच यह काफी लोकप्रिय है. कोचीन हार्बर टर्मिनस सीएचटी से एर्नाकुलम जंक्शन तक चलने वाली यह ट्रेन अपनी छोटी दूरी और विशेषताओं के कारण खास है.
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है जहां हर रोज लाखों लोग सफर करते हैं. लंबी दूरी की ट्रेनों के अलावा कुछ बेहद छोटे रूट की ट्रेनें भी हैं जो स्थानीय यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसी ही एक ट्रेन केरल में चलती है जो केवल 9 किलोमीटर का सफर तय करती है. इस ट्रेन में सिर्फ तीन डिब्बे होते हैं. इसे भारत की सबसे छोटी ट्रेन भी कहा जाता है. आइए इसके बारे में अधिक जानकरी लेते हैं कि लोग इसमें क्यों सफर करते हैं.
असल में कोचीन हार्बर टर्मिनस सीएचटी से एर्नाकुलम जंक्शन तक चलने वाली यह ट्रेन अपनी छोटी दूरी और अनोखी विशेषताओं के कारण खास मानी जाती है. हरे रंग की यह डीईएमयू ट्रेन दिन में दो बार सुबह और शाम को चलती है. हालांकि यह ट्रेन केरल के हरे-भरे खूबसूरत रास्तों से गुजरती है फिर भी इसे यात्रियों की कमी से जूझना पड़ता है.
इस ट्रेन की कुल दूरी महज 9 किलोमीटर है जिसे यह ट्रेन एक स्टॉपेज के साथ 40 मिनट में पूरा करती है. अपनी कम दूरी के कारण इसे भारत की सबसे छोटी रेल सेवा माना जाता है. भारत में इसके अलावा बरकाकाना-सिधवार पैसेंजर, गढ़ी हरसरू-फर्रूखनगर डीईएमयू और जसीडीह-बैद्यनाथधाम मेमू ट्रेनें भी छोटे रूट पर संचालित होती हैं.
इस ट्रेन में 300 यात्रियों की बैठने की क्षमता है लेकिन वास्तविकता में इसमें बहुत कम यात्री सफर करते हैं. सीएचटी से चलते समय अक्सर इसमें सिर्फ 10-12 यात्री ही होते हैं. यात्रियों की इतनी कम दिलचस्पी के चलते रेलवे कई बार इसे बंद करने पर विचार कर चुका है. हालांकि यह अभी भी अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है.
भले ही स्थानीय यात्री इस ट्रेन में कम सफर करते हैं लेकिन पर्यटकों के बीच यह काफी लोकप्रिय है. इसका सबसे बड़ा कारण इसका हरा-भरा और खूबसूरत सफर है. जो यात्री केरल घूमने आते हैं वे इस ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं. क्योंकि यह उन्हें प्राकृतिक सुंदरता का बेहतरीन अनुभव देती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यात्रियों की संख्या में भारी कमी के चलते इस ट्रेन का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है.
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