Saturn-Sun conjunction 2025: शत्रु समझे जाने वाले शनि और सूर्य की युति अगले 30 दिनों तक कई राशियों का चैन छीनने जा रही है. इस दौरान उन्हें नौकरी-कारोबार में बड़े घाटे की आशंका बन रही है. आइए जानते हैं कि वे राशियां कौन सी हैं.
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Effect of Saturn-Sun conjunction 2025: 2025 की शुरुआत से ही एक चर्चा, दुनिया भर के न्यूमरोलॉजिस्ट्स, टैरोकार्ड स्पेशलिस्ट्स और ज्योतिषाचार्यों के बीच छिड़ी हुई है. ये चर्चा है इस साल बनने वाले विकट ग्रहयोग की. इस साल सौरमंडल के सभी 9 ग्रह 10 बार राशि परिवर्तन करने वाले हैं, इसे लेकर हमने एक रिपोर्ट कुछ दिन पहले भी आपको दिखाई थी. उस रिपोर्ट में हमने जो बात एक्सपर्ट्स के जरिए आपको बताई थी, कि ये साल इस धरती के लिए अग्निपथ की तरह है क्योंकि 2025 का अंकयोग 9 है, जिसका स्वामी है मंगल. इसके प्रभाव की वजह से इस साल गर्मी का प्रकोप और अग्नि कांड की घटनाएं बढ़ेंगी. इब इस योग में सूर्य और शनिक का कालचक्र भी जुड़ गया है, तो इसका असर क्या होगा, आज की रिपोर्ट में इसे समझते हैं...
कई बड़े अग्निकांडों की आशंका
ज्योतिषाचार्यों ने खप्पर योग की वजह से जैसे भयावह अग्निकांडों की आशंका जताई थी, उसकी एक झलकी कैलिफोर्निया में दिखी. आग में खरबों रुपये का नुकसान हुआ, दर्जनों मौते हुई. नए साल के पहले महीने में ही यहां के जंगलों में ऐसी आग भड़की जो हफ्तों तक काबू में नहीं आ सकी. अग्निदेव का ये कोप कैलिफोर्निया की तरह महाकुंभ के महाआयोजन में भी दिखा. पहले 20 दिनों में आग लगने की तीन-तीन घटनाएं सामने आई. गनीमत थी, कि मौसम सर्दी का था और आग बुझाने वाली टीम पहले से मुस्तैद, तो इससे जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अग्नि का ऐसा तांडव चौंकाने वाला जरूर है.
ज्योतिषाचार्यों का आकलन सुनने में हैरान तो जरूर करता है, क्योंकि ऐसा कोई साल नहीं जब धरती पर आग, तूफान, ज्वालामुखी और भूकंप की घटनाएं नहीं होती. हर साल कोई न कोई प्राकृतिक आपदा इंसानी बस्तियों के लिए विनाशकारी साबित होगीं. तो फिर 2025 को लेकर ये कैसा आकलन, कि इस बार एक साथ कई आपदाएं आफत बनकर टूटेंगी...?
तो क्या धरती पर आने वाली आपदाओं का सीधा कनेक्शन ग्रहों की चाल से है? तो फिर इसकी गणना कैसे होती है? और क्या इसका सटीक अनुमान ज्योतिष में लगाया जा सकता है.
अगले 30 दिनों में महासंकट की आशंका
ज्योतिष हमारे वैदिक काल से ही जुड़ा एक शास्त्र है. हमारे चारों वेदों, ऋग्वेद, यजुर्वेड, सामवेद और अथर्ववेद में ज्योतिष विद्या की जानकारी मिलती है. इसका अस्तित्व जब अलग हुआ, तो इसे वेदांग ज्योतिष कहा जाने लगा. इस विधा के सबसे मशहूर ज्योतिषी आर्यभट्ट को माना जाता है, जो एक मशहूर गणितज्ञ भी थे. आर्यभट्ट ने ही गणित में शून्य का कॉन्सेप्ट दिया था. खैर, आगे बढ़ते है अपनी स्पेशल रिपोर्ट में खबर के अगले हिस्से की तरफ. इस हिस्से में हम आपको बताएंगे, ग्रहों की वो दशा, जिसकी वजह से इतनी आफत और 30 दिन के महासंकट की आशंका जताई जा रही है.
माघी पूर्णिमा का अमृत स्नान संपन्न हो गया. महाकुंभ में करीब 2 करोड़ लोगों ने पावन स्नान में हिस्सा लिया. ये सबकुछ धरती लोक पर हुआ. ऊपर सौरलोक में जो चल रहा है, उसे हम देख नहीं सकते. समझ जरूर सकते हैं, ग्रहों की ये चाल क्या कहती है. इसके मुताबिक, सूर्य-शनि की ये महायुति 11 दिन के लिए है. इस दौरान सूर्य कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे. ज्योतिष में इसे सूर्य का गोचर होना कहते हैं
एक साथ इकट्ठे होने जा रहे 2 शत्रु ग्रह
कुंभ राशि में पहले से ही शनि विराजमान हैं. इस तरह सूर्य और शनि दोनों एक राशि में होंगे. सूर्य और शनि की ये महायुति 12 महीने बाद हो रही ज्योतिष में सूर्य और शनि के बीच शत्रुता का संबंध माना गया है. इसलिए दोनों के एक राशि में होने की वजह से ‘ताप तत्व’ बढ़ेगा.
ज्योतिषाचार्यों के साथ के साथ दुनिया भर के वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे चुके हैं, कि साल 2025 दर्ज इतिहास में अब तक का गर्म साल साबित हो सकता है. इसकी वजह से कई मौसमी बदलाव देखने को मिलेंगे. लेकिन जी न्यूज से बातचीत में ज्योतिषाचार्यों ने आगाह किया कि सूर्य और शनि की ग्रहदशा की वजह से तापमान सिर्फ भौतिक रूप से ही नहीं, बल्कि ये मानसिक अवस्था में भी व्यक्त होगा.
इन राशि वालों को रहना होगा सतर्क
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सूर्य और शनि की युति से जो ताप धरती पर मौसमी बदलावों के साथ दिखेगा, वो हमारे व्याहार में भी असर करेगा. खासतौर पर 6 राशियों जातकों पर, जो सूर्य और शनि के गुरुत्व में आते हैं. ये राशिया हैं- 1. मेष. 2. वृषभ 3. मिथुन. 4. कर्क 5. सिंह 6. कन्या. इन राशियों के जातक बिजनेस में हों या नौकरी में या फिर राजनीति में किसी न किसी उथलपुथल के शिकार हो सकते हैं.
तो फिर इसका उपाय क्या है? ज्योतिषाचार्य करते हैं, अनिष्ट की कोई भी आशंका, आपके कर्म, क्रिया और प्रतिक्रिया के हिसाब से घटती बढ़ती है. आप अपने आप को साध कर रखें और ईश्वरीय अराधना के साथ अपने कर्मक्षेत्र में डटे रहें. तो ज्योतिषाचार्यों का सार यही, कि अपनी ईश्वर में आस्था बनाए रखें, इसे निभाते रहें, जब तक आप नियंत्रित हैं, तब तक ग्रहों की दशा भी आपके लिए हितकर ही साबित होगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)