Kumbh Sankranti 2025: कब है कुंभ संक्रांति? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और खास नियम
Advertisement
trendingNow12612044

Kumbh Sankranti 2025: कब है कुंभ संक्रांति? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और खास नियम

Kumbh Sankranti 2025 Kab Hai: सूर्य देव जब मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है. आइए जानते हैं कि इस बार कुंभ संक्रांति पर पुण्यकाल और महापुण्यकाल का समय क्या है.

Kumbh Sankranti 2025: कब है कुंभ संक्रांति? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और खास नियम

Kumbh Sankranti 2025: सनातन धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान और दान करने की परंपरा है क्योंकि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. इसके अलावा सूर्य देव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2025 को पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, फाल्गुन मास में कुंभ संक्रांति के अवसर पर सूर्य देव मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसका असर सभी राशियों पर पड़ता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल यानी 2025 में कुंभ संक्रांति कब मनाई जाएगी और इसके लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि क्या है.

कब है कुंभ संक्रांति 2025?

सूर्य देव जब मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 12 फरवरी 2025 को देर रात 10 बजकर 03 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को मनाई जाएगी. 

कुंभ संक्रांति पुण्य काल और महा पुण्य काल

पंचांग के अनुसार, इस साल कुंभ संक्रांति पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. वहीं, इस दिन महा पुण्य काल का समय दोपहर 4 बजकर 19 मिनट से शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस बार पुण्य काल की कुल अवधि 5 घंटे 34 मिनट की होगी, जबकि महापुण्य काल की अवधि 2 घंटा 51 मिनट का रहेगा. 

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि

कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की परंपरा रही है. ऐसे में इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें. ऐसा ना हो सके तो घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान के बाद जल में गंगाजल और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें. इतना करने के बाद घर के पूजा मंदिर में दीप जलाएं. इसके बाद सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें, सूर्य चालीसा का पाठ करें. पूजन के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति या पंडित जी को दान करें. 

कुंभ संक्रांति पर किन चीजों का करें दान

मकर संक्रांति की तरह कुंभ संक्रांति पर भी दान करने की परंपरा है. इस दिन दान करने से विशेष प्रकार का पुण्य फल प्राप्त होता है. ऐसे में कुंभ संक्रांति के दिन पुण्य काल या महापुण्य काल के दौरान जरूरमतमंदों को कपड़े, अन्न और कंबल इत्यादि दान करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news