Narak Nivaran Chaturdashi 2025: नर्क से मुक्ति दिलाता है नरक निवारण चतुर्दशी व्रत, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व
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Narak Nivaran Chaturdashi 2025: नर्क से मुक्ति दिलाता है नरक निवारण चतुर्दशी व्रत, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Narak Nivaran Chaturdashi 2025 Date: नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं कि इस साल नरक निवारण चतुर्दशी व्रत कब रखा जाएगा.

Narak Nivaran Chaturdashi 2025: नर्क से मुक्ति दिलाता है नरक निवारण चतुर्दशी व्रत, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Narak Nivaran Chaturdashi 2025: सनातन धर्म में कुछ व्रत ऐसे हैं जो नर्क से मुक्ति पाने के लिए रखे जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि यानी चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी इस व्रत को विधि-विधान से रखता है, उसे मृत्यु के बार नर्क नहीं जाना पड़ता है. यानी इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को नर्क से भी छुटकारा मिल जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस महीने नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत कब रखा जाएगा और इसे जुड़ी खास बातें क्या हैं.

कब है नरक निवारण चतुर्दशी 2025

मिथिला पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण चतुर्दशी तिथि 27 जनवरी 2025 को रात 7 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथइि की समाप्ति 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 21 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, इस साल नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत मंगलवार, 28 जनवरी 2025 को रखा जाएगा. सनातन धर्म में नरक निवारण चतुर्दशी व्रत का विशेष महत्व है. इस व्रत में मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करने पर मनवांछित फल मिलता है.  

क्यों रखा जाता है नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत?

धर्म-शास्त्रों के अनुसार, नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत रखने से जाने-अनजाने में की गई हर छोटी-बड़ी गलतियों को भगवान शिव माफ कर देते हैं. इसके साथ भी भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. 

नरक निवारण चतुर्दशी के दिन क्या करें

नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए इस दिन विशेष तौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. ऐसे में नरक निवारण चतुर्दशी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. इसके साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें और पंचाक्षर मंत्र ओम् नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. कहा जाता है कि नरक निवारण चतुर्दशी के दिन ऐसा करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है.

कैसे करें नरक निवारण चतुर्दशी व्रत का पारण

विधि-विधान से नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत करने पर भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस व्रत में सुबह से लेकर सूर्यास्त तक व्रत रखा जाता है. व्रत के दौरान फलाहार किया जा सकता है. हालांकि, अधिकांश लोग इस व्रत को बिना अन्न-फल ग्रहण किए कहते हैं. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक व्रत रखने के बाद इसका पारण किया जाता है. इस व्रत का पारण शाम के समय मीठे फल या जल ग्रहण करके किया जाता है. नरक निवारण चतुर्दशी व्रत में बेर से पारण करना शुभ माना गया है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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