Microsoft CEO Satya Nadella ने बताया कि भारत के गांवों में रहने वाले लोग कैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के विकास में योगदान दे रहे हैं. महाराष्ट्र की 53 वर्षीय बेबी राजाराम बोकाडे एआई की मदद से कमाई कर रही हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में डिटेल में...
- Microsoft CEO Satya Nadella भारत दौरे पर हैं और उन्होंने बड़ी घोषणा के साथ शुरुआत की है. उनकी कंपनी भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में अग्रणी बनाने में मदद के लिए 20 लाख लोगों को स्किल्स देगी. माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला ने बताया कि भारत के गांवों में रहने वाले लोग कैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के विकास में योगदान दे रहे हैं.
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- सत्या नडेला ने X पर पोस्ट लिखा, 'इस हफ्ते भारत में रहकर बहुत अच्छा लगा, खासकर कार्य टीम जैसे बदलाव लाने वाले लोगों से मिलना. यह टीम एक अहम काम कर रही है, वो हाई क्वालिटी वाले AI डेटासेट बना रहे हैं और साथ ही आर्थिक अवसरों को भी बढ़ा रहे हैं.' नडेला ने महाराष्ट्र के खराड़ी में स्थित एक सामाजिक संगठन का उल्लेख किया, जहां लोग मराठी भाषा में AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए Microsoft को अपनी आवाजें दान करते हैं. बता दें, महाराष्ट्र की 53 वर्षीय बेबी राजाराम बोकाडे एआई की मदद से कमाई कर रही हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में डिटेल में...
- AI से हर घंटे कमा रहीं 400 रुपये
- 53 साल की बेबी घर संभालने के साथ-साथ मसाले पीसने का छोटा कारोबार भी चलाती हैं. इसके अलावा, वो माइक्रोसॉफ्ट के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स को मराठी भाषा सिखाती हैं. इस काम के लिए उन्हें प्रति घंटा लगभग 400 रुपये मिलते हैं. 11 दिन काम करने के बाद, बेबी ने 2,000 रुपये कमाए. उन्होंने कहा, 'मैंने जो कमाया उससे मैंने अपने ग्राइंडर का एक हिस्सा खरीदा और उसकी मरम्मत कराई. यह वो पैसा है जो मेरे पास सामान्य रूप से नहीं होता.' हर रात, दिन भर काम करने के बाद, बेबी लगभग एक घंटा मराठी भाषा में अपनी आवाज रिकॉर्ड करने के लिए देती हैं.
- पढ़ती हैं मराठी में कहानी
- खराड़ी (पुणे के पास) में रहने वाली बेबी अपने बिस्तर पर बैठकर स्मार्टफोन पर एक ऐप खोलती हैं. फिर वो अपनी मराठी भाषा में एक कहानी जोर से पढ़ना शुरू करती हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि बेबी एक सामाजिक संस्था की सदस्य हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर मराठी भाषा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल को प्रशिक्षित करने में मदद कर रही है.
- टेक जायंट ने कहा, 'भारत में, अगर आप हिंदी या अंग्रेजी नहीं बोलते हैं, तो उन टेक्नोलॉजी तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है जो लोगों की मदद करती हैं - ऐप्स, टूल्स और डिजिटल सहायक जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले लोग आसानी से इस्तेमाल कर लेते हैं.' माइक्रोसॉफ्ट ने बताया, 'लाखों लोगों को इन टेक्नोलॉजी से फायदा हो सकता है, इसलिए माइक्रोसॉफ्ट और दूसरी कंपनियां इन 'कम इस्तेमाल की जाने वाली' भाषाओं में अपने प्रोडक्ट को उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही हैं.'
- सीख लिया UPI पेमेंट करना
- बोकाडे ने कहा, 'मुझे गर्व है कि मेरी आवाज रिकॉर्ड की जा रही है और मेरी आवाज की मदद से कोई मराठी सीख रहा है. मुझे इस बात पर भी गर्व है कि इससे टूल्स और फीचर्स मराठी में उपलब्ध होंगे.' बोकाडे ने अब यूपीआई पेमेंट सिस्टम से पेमेंट करना और फोन का इस्तेमाल करके बैंकिंग करना सीख लिया है. उन्होंने कहा, 'अब मैं अपने स्मार्टफोन के साथ और भी दिलचस्प चीजें कर पा रही हूं.'