China Uyghur travel restriction: चीन में उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न जारी है. नए आदेश ने भूचाल ला दिया है. इस नियम के तहत देश छोड़ने से पहले उइगर मुसलमानों को सभी गाइ़डलाइंस का पालन करते हुए अपना पक्ष रखना होगा. बिना सरकारी शर्तों को पूरा किए न तो कोई देश के बाहर जाएगा और न ही अंदर आ सकेगा.
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Persecution of Uyghurs in China: चीन में उइगर मुसलमानों का उत्पीड़न जारी है. कई दर्जनों मुस्लिम देश मिलकर चीन के मुसलमानों की मदद करना तो दूर, उनकी आवाज तक नहीं उठा रहे हैं. इस बीच अमेरिकी स्वयंसेवी संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने हालिया रिपोर्ट (HRW) में कहा, 'चीन ने उइगर मुसलमानों पर नया प्रतिबंध लागू किया है. जो अंतराष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है.'
इस कथित लेकिन जरूरी दिशा-निर्देश के तहत उइगरों के देश छोड़ने को लेकर तय किए गए नियम-कायदों को एजेंसी ने उइगरों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित अधिकारों का उल्लंघन करार दिया गया है. नए आदेश को लेकर HRW ने चीन की शी जिनपिंग (XI Jinping) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
उइगरों पर कड़ा ट्रैवल बैन क्यों?
HRW ने अपनी रिपोर्ट में लिखा- 'उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग के प्रशासन ने उइगरों पर गंभीर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के इन सदस्यों को तुर्की जैसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले संवेदनशील देशों में जाने से प्रतिबंधित किया गया है. समूह ने कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा बिजनेस ट्रिप पर कजाकिस्तान जैसे सीमित देशों की ही यात्रा कर सकते हैं. ज्यादा दूर और ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देशों में उइगर मुसलमानों के जाने को गुनाह-ए-अज़ीम जैसा घोषित किया गया है.
नए नियम में क्या-क्या है?
HRW की रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर मुसलमानों को विदेश में किसी अन्य संगठन, एनजीओ के वालंटियर्स या एक्टिव मेंबर्स से घुलने-मिलने से मना किया गया है. उइगर मुसलमानों को वो जिस किसी देश में भी गए हैं, वहां उनके चीन की सरकार के बारे में आलोचनात्मक बात करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
शिनजियांग की यात्रा के इच्छुक विदेश में बसे उइगरों को देश छोड़ने पर अपनी ट्रैवल का मकसद और उस देश के जहां उन्हें जाना है, वहां के उनके परिवारजनों के किसी सदस्य द्वारा भेजा गया इनविटेशन कार्ड पुलिस-प्रशासन को दिखाना अनिवार्य किया गया है.
उइगरों को वीजा के लिए छह महीने तक की लंबी आवेदन प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है. समूह का दावा है कि गैर-राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग लेने, बच्चों को उइघुर भाषा के स्कूलों में भेजने या उइगर कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में शादी में शामिल होने पर वीजा खारिज किया जा सकता है.
ये रिपोर्ट तब आई है जब चीनी अधिकारियों ने जातीय अल्पसंख्यक के कुछ सदस्यों के पासपोर्ट जब्त करने और उन्हें विदेशों में लोगों से संपर्क करने के बाद दंडित किया गया था. सजा के कई सालों बाद उइगर समाज के कुछ लोगों को शिनजियांग के बाहर यात्रा करने की अनुमति देना शुरू कर दिया गया है. चीनी सरकार पर बीते एक दशक में उइगर मुसलमानों के कई तरह से उत्पीड़न करने के आरोप लगे हैं. आरोपों में उइगरों को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने और सजा देने पर बीजिंग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. हालांकि बीजिंग में बड़े पदों पर बैठे लोग अक्सर नहीं नियमित रूप से ऐसे आरोपों से इनकार करते आए हैं. बीजिंग प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि उइगरों पर जुल्म करने का आरोप लगाना सदी का सबसे बड़ा झूठ है.
यूएन का डाटा
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 2017 में आतंकवाद विरोधी उपायों में नाटकीय वृद्धि के बाद से चीन ने दस लाख से अधिक अल्पसंख्यक मुसलमानों को हिरासत में लिया है, जिनमें ज्यादातर उइगर हैं.