Japan Population: जापानी सरकार के एक प्लान से देश में बड़ी बहस खड़ी हो गई है. दरअसल सरकार ने शहरी युवतियों को ये ऑफर दिया था कि यदि वो ग्रामीण युवकों से शादी करेंगी तो उनको 6 लाख येन (3,52,758 रुपये) की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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World News in Hindi: जापानी सरकार के एक प्लान से देश में बड़ी बहस खड़ी हो गई है. दरअसल सरकार ने शहरी युवतियों को ये ऑफर दिया था कि यदि वो ग्रामीण युवकों से शादी करेंगी तो उनको 6 लाख येन (3,52,758 रुपये) की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. जापान के Asahi News की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अंसतुलित क्षेत्रीय विकास के मद्देनजर ये फैसला लिया था. सरकार का मानना है कि इस विसंगति से देश की सामाजिक प्रगति पर असर पड़ रहा है.
जापान की 2023 की जनसंख्या माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल तकरीबन 68 हजार टोक्यो में शिफ्ट हुए. इनमें से आधे से अधिक महिलाएं थीं. हालांकि जापानी मीडिया के मुताबिक सरकार के इस प्लान को लोगों ने पसंद नहीं किया और आलोचना होने पर इस प्रपोजल को वापस ले लिया गया.
प्लान का मकसद
दरअसल इस प्लान के पीछे सरकार की ये सोच थी कि अधिकाधिक लोग बड़े शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में वर्कफोर्स सिकुड़ रही है. खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में अच्छी शिक्षा, रोजगार के चक्कर में ग्रामीण अंचलों को छोड़कर शहरों में शिफ्ट हो रही हैं. ग्रामीण अंचलों से आबादी के पलायन के कारण कई जगहों पर स्कूल और अस्पताल खाली पड़े हैं. उनको बंद करना पड़ रहा है. इन सबका असर ये भी हो रहा है कि यहां नवजातों का जन्म भी कम हो रहा है.
लिहाजा विभिन्न क्षेत्रों के बीच आर्थिक विकास में असंतुलन नहीं बने और जनसंख्या के बीच भी संतुलन रहे लिहाजा इस प्लान को बनाया गया. इसी के तहत ये प्रपोजल दिया गया कि जो महिलाएं टोक्यो छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बसना चाहेंगी तो उनको ये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
इस प्लान में कहा गया कि टोक्यो में 23 नगरपालिकाएं हैं. इन जगहों पर काम करने वाली अविवाहित या सिंगल वुमेन इस योजना का लाभ उठा सकती हैं. इन लड़कियों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर पसंद के साथी को खोजने का खर्च भी सरकार देने को तैयार थी. लेकिन जैसे ही ये प्रपोजल सार्वजनिक हुआ, इसका तीखा विरोध हो गया और सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए और इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
भारी विरोध
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस योजना का विरोध करते हुए कहा कि पिछड़े ग्रामीण इलाकों को लड़कियां इसलिए छोड़कर टोक्यो जा रही हैं क्योंकि उनको वहां बेहतर जीवन की आस होती है. अब सरकार चाहती है कि वो वापस लौट जाएं. ये तो एकदम बेतुकी बात है.
जनसंख्या संकट
जापान दरअसल इस वक्त भारी जनसंख्या संकट से गुजर रहा है. जन्मदर सर्वाधिक न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है. इस साल जून में स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि लगातार आठवीं साल जन्म दर क्रिटिकल स्तर पर बनी हुई है. पिछले साल देशभर में 5 लाख से भी कम कपल ने शादियां कीं जोकि 90 सालों में सबसे कम है. आम धारणा है कि यहां के लोग शादी के चक्कर में नहीं फंसना चाहते और बच्चे की चाहत भी न के बराबर है.