कौन हैं स्टीफन मिलर, जो अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने में हैं 'मास्टरमाइंड'?
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कौन हैं स्टीफन मिलर, जो अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने में हैं 'मास्टरमाइंड'?

America News: डोनाल्ड ट्रंप की सबसे कठोर आप्रवासन नीति के पीछे का मास्टरमाइंड स्टीफन मिलर है. 39 साल के मिलर ट्रंप के सबसे खास लोगों में से एक है. ट्रंप के पहले प्रशासन में उन्होंने कई नियम बनाए थे, जिसमें आप्रवासी परिवारों को अलग करना भी है.

कौन हैं स्टीफन मिलर, जो अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने में हैं 'मास्टरमाइंड'?

Stephen Miller: 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. इसके बाद से उन्होंने कई आदेश जारी किए. इनमें से ज्यादातर आदेश वही हैं, जिन्हें ट्रंप ने चुनाव से पहले पूरा करने के वादे किए थे. उनके कार्यकारी आदेशों में सबसे टॉप पर प्रवासन से जुड़ा आदेश है. इसमें इमिग्रेशन के लिए बनाए गए ऐप सीबीपी को क्लोज करना, जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता को कैंसिल करना शामिल हैं. लेकिन इस कठोर आप्रवासन नीति को बनाने पीछे अकेले ट्रंप  नहीं है. ऐसे में सवाल में उठता है कि आप्रवासन जैसे कठोर फैसला लेने के पीछे ट्रंप के अलावा और कौन हैं?  आइए जानते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप की सबसे कठोर आप्रवासन नीति के पीछे का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि स्टीफन मिलर है. 39 साल के मिलर ट्रंप के सबसे खास लोगों में से एक है. ट्रंप के पहले प्रशासन में उन्होंने कई नियम बनाए थे, जिसमें आप्रवासी परिवारों को अलग करना भी है.

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में ही मिलर ने व्हाइट हाउस में अपनी ताक़त को और मजबूत कर लिया है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर पहुंच गए हैं.

मिलर के रुतबे का इससे अंदाजा लगाया जा सकता सकता है कि ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल संभालते ही जिन आदेशों पर सिग्नेचर किए थे, उन पर पहले से ही  मिलर के हस्ताक्षर मौजूद थे. बताया जाता है कि इन्हीं आदेशों में जन्मसिद्ध नागरिकता को ख़त्म करना और साउथ बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी घोषित करना शामिल था.

कौन हैं स्टीफन मिलर ?
व्हाइट हाउस में सबसे कठोर, निडर और रुतबे वाला शख़्स स्टीफन मिलर का जन्म 1985 में कैलिफ़ोर्निया में एक यहूदी परिवार में हुआ था. उन्होंने 2007 में राजनीतिक विज्ञान में ग्रेजुएट की डिग्री ली. इसके बाद ही उन्होंने राजनीति में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी.

हालांकि, मिलर ने 16 साल की उम्र में ही हाई स्कूल में देशप्रेम की कमी की आलोचना के लिए खूब सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने इसके बाद खुद को एक कंज़र्वेटिव एक्टिवस्ट के रूप में प्रस्तुत करने में कोई कमी नहीं छोड़ी और कॉलेज के एक ग्रुप पर रेप लगे आरोप बचाव में वो मुखर होकर उतरे. आखिरकार ये ग्रुप बेगुनाह साबित हुए. इसके बाद मिलर मीडिया की नज़रों में आ गए.

क्या है ट्रंप की नई रणनीति?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में आप्रवासन एजेंडे पर मिलर को टॉम हॉमैन के साथ मुख्य नीति निर्धारक बनाकर उन्हें और ज्यादा ताकतवर बनाया.  ट्रंप ने आप्रवासन नीति को और ज्यादा सख्त बनाने के लिए स्टीफन मिलर को प्रमुख भूमिका दी. उन्होंने मिलर को टॉम हॉमैन के साथ मिलकर मुख्य नीति निर्धारक बनाया.

इन आदेशों में से अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में दिए गए जन्म आधारित नागरिकता के अधिकार को खत्म करने का प्रस्ताव था. इस कदम को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और इसे कोर्ट में चुनौती दी गई. उन्होंने टाइटल 42 को के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य के नाम पर मेक्सिको बॉर्डर को बंद करने और साथ ही साउथ बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी घोषित करने की इजाज़त देता है.

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