Miss England Finalist: मिस इंग्लैंड फाइनलिस्ट ने रचा इतिहास, बिना मेकअप रैंप पर उतर हासिल किया ये बड़ा मुकाम
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Miss England Finalist: मिस इंग्लैंड फाइनलिस्ट ने रचा इतिहास, बिना मेकअप रैंप पर उतर हासिल किया ये बड़ा मुकाम

Melisa Raoufछ मेलिसा सोमवार यानी 22 अगस्त को सेमीफाइनल राउंड में बिना मेकअप के उतरीं और जजों को प्रभावित भी किया. इसके बाद वह फाइनल में भी पहुंच चुकी हैं. मेलिसा कहती हैं कि, 17 अक्टूबर 2022 को होने वाले प्रतियोगिता के फाइनल में भी वह फिर से बिना मेकअप के ही उतरेंगी.

मेलिसा रऊफ

First Contestant in Pageant without Makeup: लंदन की 20 साल की मॉडल मेलिसा रऊफ (Melisa Raouf) ने हाल ही में एक अनूठा कारनामा करते हुए इतिहास रचा है. दरअसल, रऊफ मिस इंग्लैंड प्रतियोगिता में बिना मेकअप के रैंप वॉक करने वाली पहली प्रतियोगी बन गई हैं. मेलिसा सौंदर्य प्रतियोगिता के 94 साल के इतिहास में प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए मेकअप मुक्त होने वाली पहली प्रतियोगी बन गईं.

17 अक्टूबर 2022 को फाइनल

राजनीतिक छात्रा मेलिसा ने इस उपलब्धि के बात बताया कि, वह अन्य महिलाओं और युवा लड़कियों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता दिखाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मैं सोमवार यानी 22 अगस्त को सेमीफाइनल राउंड में बिना मेकअप के उतरी और जजों को प्रभावित भी किया. अब मैं फाइनल में पहुंच चुकी हूं. मेलिसा कहती हैं कि, प्रतियोगिता के फाइनल में भी वह फिर से बिना मेकअप के ही उतरेंगी. बताया गया कि वह 17 अक्टूबर 2022 को मिस इंग्लैंड के ताज के लिए अन्य 40 महिलाओं के साथ भी कॉम्पिटिशन करेंगी.

आयोजकों ने भी की इस कदम की तारीफ

बता दें कि मेलिसा ने "बेयर फेस" राउंड भी जीता है. जिसे 2019 में ब्यूटी पेजेंट में जोड़ा गया था. उसी के बारे में बात करते हुए, आयोजक एंजी बेस्ली ने कहा, "यह महिलाओं को यह दिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है कि बिना मेकअप में छिपे वह वास्तव में क्या हैं. यह पहली बार है जब मैंने एक प्रतियोगी को सेमीफाइनल में पूरी तरह से मेकअप-मुक्त कड़ा मुकाबला देते देखा है. वह अन्य प्रतियोगियों से ज्यादा कॉन्फिडेंस में नजर आ रहीं थीं."

'असली सुंदरता सादगी में छिपी है'

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, मेलिसा ने फाइनल में पहुंचने के अपने अनुभव को काफी कठिन बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह रिस्क लेकर जीतना बहुत ही आश्चर्यजनक था. यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि मुझे लगता है कि अलग-अलग उम्र की कई लड़कियां मेकअप करती हैं क्योंकि वे ऐसा करने का दबाव महसूस करती हैं. अगर कोई अपनी नेचुरल स्किन से खुश है तो उसे मेकअप से चेहरे को ढकने की जरूरत नहीं है. हमारी खामियां हमें बनाती हैं कि हम कौन हैं और यही हर व्यक्ति को स्पेशल बनाती हैं. लोगों को अपनी खामियों और दोषों से प्यार करना चाहिए और उन्हें अपनाना चाहिए, क्योंकि हम जानते हैं कि असली सुंदरता सादगी में ही छिपी होती है.”

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