US Deports Indian: अमेरिका से निवार्सित भारतीयों का लगUS : ट्रंप तो गैर थे नहीं माने, फिर से हथकड़ी लगाकर भारतीयों को भेज दिया, रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी
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US Deports Indian: अमेरिका से निवार्सित भारतीयों का लगUS : ट्रंप तो गैर थे नहीं माने, फिर से हथकड़ी लगाकर भारतीयों को भेज दिया, रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी

US Deportation: अमेरिका अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है. इस बार भी भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों को विमान में हाथ-पैर में हथकड़ियां लगा दीं. मानवीय गरिमा का ध्यान न रखते हुए न ट्रंप बाज आ रहे हैं और ना उनके अफसर, रही सही कसर यहां सरकार ने पूरी कर दी.

US Deports Indian: अमेरिका से निवार्सित भारतीयों का लगUS : ट्रंप तो गैर थे नहीं माने, फिर से हथकड़ी लगाकर भारतीयों को भेज दिया, रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी

US Deports Indians: किसी अपराधी और सजायाफ्ता मुजरिम के भी मानवाधिकार होते हैं. लोकतंत्र में सबको इज्जत से जीने का अधिकार मिला है. दुनियाभर में लोकतंत्र का माई-बाप होने का दावा करने वाला अमेरिका अमानवीय काम कर रहा है. बात अमेरिका से डिपोर्ट हुए अवैध उन अप्रवासी भारतीयों की, जिनके साथ अमेरिका ने तो गलत किया ही लेकिन उनके अपने राज्य की सरकार ने भी बुरा सलूक करके उन्हें शर्मिंदगी का अहसास कराने में कसर नहीं छोड़ी. अमेरिका से अवैध प्रवासियों की तीसरी खेप भारत आ चुकी है. रविवार रात अमृतसर में लैंड हुए अमेरिकी एयरफोर्स के तीसरे विमान में कुल 112 भारतीय यात्री सवार थे. 

पहला, दूसरा और तीसरा जत्था

पहले बैच में 5 फरवरी को 104 भारतीयों को वापस भेजा गया था, जिसमें 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे और 30 पंजाब से थे. 15 फरवरी को दूसरे बैच में शनिवार को 119 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया था. यहां से पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कई इलीगल माइग्रेंट्स को उनके घर भेजा गया. अमेरिकी फौजी दूसरी खेप में भी भारतीयों को हथकड़ी लगाकर बांधकर लाए. विमान में महिलाओं को भी हथकड़ी लगी. ये सभी बढ़िया फ्यूचर और डॉलर में खेलने की आस में अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचे थे लेकिन डिपोर्ट कर दिए गए.

न ट्रंप माने न उनके अफसर

होशियारपुर के दलजीत सिंह भी इसी फ्लाइट से लौटे. दलजीत ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'मुझसे झूठ बोला गया था कि मुझे कानूनी रूप से भेजा जाएगा लेकिन मुझे डंकी रूट से भेजा गया था. रास्ते में काफी मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा. मुझे अमेरिका घुसने में आठ महीने लगे. पकड़ा गया तो अमेरिकी सीमा पर 20 दिनों के लिए जेल में डाला गया और वापस इंडिया भेज दिया. हमारे हाथ और पैर जंजीर से बांध दिए गए और हमें बताया गया कि हमें वापस भेजा जा रहा है. अमृतसर हवाई अड्डे तक पहुंचने में 40 घंटे लगे. बच्चों को छोड़कर सभी को जंजीरों से बांध दिया गया था.

सरकार ने कसर पूरी कर दी!

अमेरिकी फौज के अफसर बेड़ियों में डालकर अप्रवासियों को भेज रही है. उसकी सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. लेकिन इससे उनके कान में जूं तक नहीं रेंग रही. सोशल साइट एक्स के मालिक ट्रंप के दोस्त हैं. शायद इसलिए वहां भी भारतीयों की आवाज की अनसुनी हो रही है. मानो ट्रंप और उनके अफसर कान में रुई डालकर काम कर रहा है. जानबूझकर बहरे बने बैठे हैं. अमानवीय तरीकों से लोगों को भेज रहे हैं. 

कैदियों की गाड़ी से भेजा

हरियाणा सरकार ने अपने अवैध अप्रवासियों को लाने के लिए कैदियों की गाड़ी भेजी थी. जिसका वीडियो देखकर किसी भी भारतीय को अच्छा नहीं लगा होगा. माना कि ये लोग गलत तरीके से अमेरिका गए थे, ऐसे में पराये मुल्क ने इनके साथ गलत व्यवहार किया लेकिन यहां तो अपने लोग थे उनके साथ ऐसा सुलूक अच्छा नहीं लगा.

49 सेकेंड केवीडियो में साफ दिख रहा है कि एक रोड पर कुछ गाड़ियां जा रही हैं, 8 सेंकेंड बाद रोड पर ऊपर रास्ता बताने वाला हरे रंग का साइन बोर्ड लगा है, उसके नीचे से कई सफेद रंग की कारें आगे बढ़ रही हैं,  जिसमें से कुछ पुलिस की गाड़ियां हैं. कुछ सेकेंड बाद उसी काफिले में एक बड़ी बस दिखती है. ये वही बस है जिसमें पुलिसवाले अक्सर कैदियों को बिठाकर कोर्ट में या जेल ले जाते हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी बस में अमेरिका से आए लोग दिखे तो लोगों को ये अच्छा न लगा. ट्रंप गैर थे उनसे ऐसी उम्मीद तो की जा सकती है. लेकिन जहाज लैंड होने के बाद उन्हें जिस तरह होम टाउन भेजा गया वह समझ से परे लगा.

शनिवार को लौटे 67 लोग पंजाब से और 33 हरियाणा से थे. गुजरात के 8, यूपी के 3, गोवा- महाराष्ट्र के दो-दो और राजस्थान से एक, हिमाचल से एक और जम्मू-कश्मीर का एक नागरिक अपने घर लौटा.

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