PM Modi and Rahul Gandhi: पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी में अक्सर तकरार देखने को मिलती है. दोनों नेता एक दूसरे पर हमले का कोई मौका नहीं चूकते. आज का दिन खास है. दोनों नेताओं एक खास मीटिंग के लिए साथ बैठने वाले हैं. एजेंडा महत्वपूर्ण है इसलिए पूरे देश की नजरें इस मीटिंग पर हैं कि दोनों क्या फैसला लेते हैं.
Trending Photos
New Election Chief Commissioner: देशभर के लोगों की नजरें आज दिल्ली में होने वाली एक टॉप मीटिंग पर हैं. हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाधी आज एकसाथ बैठने वाले हैं. इस मीटिंग में एक और केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे. दरअसल, यह हाई लेवल सिलेक्शन पैनल है जो देश के टॉप इलेक्शन पोस्ट यानी मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए आम सहमति बनाएगा. पहले इस पैनल में भारत के चीफ जस्टिस भी होते थे लेकिन हाल में इसमें संशोधन कर दिया गया. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध किया था.
हाल में भी राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार की तरफ से दो मेंबर और एक विपक्ष से तो बात हर हाल में सरकार की मानी जाएगी. इस पैनल की मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में कई जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. इसमें वो मामला भी शामिल हैं जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल न करने का मामला उठाया गया है. कोर्ट ने इन याचिकाओं पर 19 फरवरी को सुनवाई होनी है.
सीईसी रिटायर हो रहे
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली तीन सदस्यीय चयन समिति सोमवार को नए सीईसी का चयन करने के लिए बैठेगी. सूत्रों के हवाले से रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इस बैठक में तीसरे सदस्य के रूप में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल शामिल हो सकते हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में गृह मंत्री अमित शाह के भी नाम की चर्चा है. वास्तव में पैनल के तीसरे सदस्य प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.
पढ़ें: ऊंची इमारतें, पुराने घर... 4 की तीव्रता में हिल गए, 8 का भूकंप आ जाए तो क्या होगा?
यह मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत CEC की यह पहली नियुक्ति होगी, जो दिसंबर 2023 में लागू हुआ था. इस प्रावधान के तहत मार्च 2024 में एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. दोनों आयुक्तों की नियुक्ति अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्तियों को भरने के लिए की गई थी.
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नए वैधानिक प्रावधानों की शुरुआत से पहले, दो शेष चुनाव आयुक्तों में से सबसे वरिष्ठ को आमतौर पर निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ परामर्श के बाद शीर्ष पद पर पदोन्नत किया जाता था. हालांकि, संशोधित चयन प्रक्रिया के तहत, अब नियुक्तियां चयन पैनल के भीतर बहुमत या आम सहमति के आधार पर की जाती हैं.
यह देखना दिलचस्प होगा कि तीन सदस्यीय चयन समिति नया मुख्य चुनाव आयुक्त चुनती है या मौजूदा चुनाव आयुक्तों में से किसी को इस पद पर नियुक्त करने का निर्णय लेती है. (एजेंसी इनपुट के साथ)