जेल में टूट गए इमरान खान.. आखिरी रास्ता भी PAK सेना ने बंद कर दिया, अब उनका क्या होगा?
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जेल में टूट गए इमरान खान.. आखिरी रास्ता भी PAK सेना ने बंद कर दिया, अब उनका क्या होगा?

Pakistan News: इमरान खान पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप शामिल हैं. वह पहले ही एक साल से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं. मई 2023 में हुए दंगों और देशद्रोह से जुड़े मामलों में उनके खिलाफ सैन्य अदालत में भी मुकदमा चलाया जा सकता है. File Pic

जेल में टूट गए इमरान खान.. आखिरी रास्ता भी PAK सेना ने बंद कर दिया, अब उनका क्या होगा?

Imran khan Pak Army: लंबे समय से जेल में बंद पाक के पूर्व पीएम इमरान खान को लगातार झटके लग रहे हैं. इसी कड़ी में उनके लिए एक और झटके वाली खबर है कि पाकिस्तान की सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ किसी भी तरह के समझौते की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है. इस रुख के बाद इमरान खान के राजनीतिक भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि पूर्व पीएम सैन्य प्रतिष्ठान के साथ गुप्त बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे.

बातचीत के विचार को पूरी तरह खारिज कर दिया

असल में ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने इमरान खान के साथ किसी भी स्तर पर बातचीत के विचार को पूरी तरह खारिज कर दिया है. रावलपिंडी की अदियाला जेल में अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात में, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने सेना के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि वह अभी भी सैन्य प्रतिष्ठान के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं, हालांकि इससे पहले उन्होंने सेना और आर्मी चीफ जनरल सैयद असीम मुनीर पर उन्हें जेल में डालने का आरोप लगाया था.

किसी भी डील की उम्मीद नहीं

खान ने सेना पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बेदखल किया. हालांकि, पाकिस्तानी सेना के एक सूत्र ने स्पष्ट किया, "इमरान खान के खिलाफ कई अदालत में मामले चल रहे हैं, और वह किसी भी डील की उम्मीद नहीं कर सकते. वह खुद कानून का पालन नहीं कर रहे, फिर भी सेना पर दबाव बना रहे हैं. उन्होंने अपनी रिहाई के लिए बिना शर्त बातचीत की पेशकश की थी."

सीधे सैन्य प्रतिष्ठान से संपर्क?

इमरान खान के करीबी सूत्रों का मानना है कि पीटीआई प्रमुख सीधे सैन्य प्रतिष्ठान से संपर्क करना चाहते हैं, न कि वर्तमान सरकार से, क्योंकि वह वास्तविक शक्ति सेना के पास मानते हैं. पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "सेना के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत सिद्धांतों और जनता के हितों पर आधारित होगी, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए.

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