Vivah Upay 2023: विवाह में हो रही देरी तो जरूर करें इस मंत्र का जाप, सभी बाधाएं होंगी दूर

Vivah Tips and Upay 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न कारणों की वजह से किसी जातक की शादी में देरी हो सकती है. इसमें सबसे अधिक परेशान करता है कुंडली में मौजूद मंगल दोष. हालांकि ज्योतिष में इसके लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 17, 2023, 01:20 PM IST
  • मंगल दोष से विवाह में देरी
  • गौरी मंत्र के जाप से मिलेगा लाभ
Vivah Upay 2023: विवाह में हो रही देरी तो जरूर करें इस मंत्र का जाप, सभी बाधाएं होंगी दूर

Vivah Totke in Hindi 2023 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न कारणों की वजह से किसी जातक की शादी में देरी हो सकती है. इसमें सबसे अधिक परेशान करता है कुंडली में मौजूद मंगल दोष. हालांकि ज्योतिष में इसके लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. इनमें से एक है गौरी मंत्र का जाप करना. किसी भी मंत्र का हमारे शरीर के विभिन्न ऊर्जा केंद्रों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है.

देवी गौरी नव दुर्गा का एक रूप हैं. ऐसा माना जाता है कि मां गौरी की पूजा करने वाली महिलाओं को उनके सपनों का जीवनसाथी प्राप्त होता है. मां गौरी की मूर्ति चार भुजाओं वाले नंदी जी पर विराजमान दिखाई देती है. गौरी मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी शादी में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं या उनकी कुंडली में मंगल दोष है.

देवी सीता ने भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस गौरी मंत्र का जाप किया था. उन्होंने अपने स्वयंवर से पहले गौरी पूजा कर देवी गौरी से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद लिया था. जो महिलाएं मनचाहे वर से शादी करना चाहती हैं, उन्हें गोरी मंत्र का रोजाना जाप करना चाहिए.

गोरी मंत्र
जय जय गिरिबरराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥

जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनी दुति गाता॥

देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥

मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही कें॥

कीन्हेऊँ प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥

बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि॥

सादर सियँ प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गैरी हरषु हियँ भरेऊ॥

सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥

नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥

मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥
एही भाँती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियँ हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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