Janmashtami 2022 Story: जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी

Janmashtami 2022 Story: भगवान कृष्ण के जीवन की कथा और कहानियों को कृष्ण लीला के रूप में जाना जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने मामा कंस का वध कर माता देवकी और पति वासुदेव को कारागार से मुक्त किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 18, 2022, 09:59 AM IST
  • भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं कृष्ण
  • श्रीकृष्ण ने किया मामा कंस का अंत
Janmashtami 2022 Story: जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी

नई दिल्ली. Janmashtami 2022 Story कृष्ण जन्माष्टमी, भारत में एक प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है. इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्म के जश्न के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के 8वें अवतार थे. भगवान कृष्ण के जीवन की कथा और कहानियों को कृष्ण लीला के रूप में जाना जाता है. कथा के अनुसार, कृष्ण का जन्म मथुरा के यादव वंश में रानी देवकी और उनके पति राजा वासुदेव के यहां हुआ था.

द्वापर युग के अंत में मथुरा पर राजा उग्रसेन का शासन था. उग्रसेन का कंस नाम का एक पुत्र था, जिसने सिंहासन के लिए अपने पिता को कारागार में बंद कर दिया था. कंस की बहन देवकी का विवाह यादव समुदाय के वासुदेव से तय हुआ. जब कंस अपनी बहन की शादी के बाद उसे विदा करने जा रहा था, तभी उसे एक आकाशवाणी हुई. हे कंस! तुम्हारी बहन देवकी की आठवीं संतान तुम्हारी मृत्यु का कारण होगी. 

यह सुनकर कंस क्रोधित हुआ और देवकी को मारने का फैसली किया, लेकिन वासुदेव के समझाने के बाद कि वो अपने 8वें पूत्र को उसे सौंप देंगे कंस मान गया. उसने और वासुदेव और देवकी को अपने कारागार में बंद कर दिया और और यह सुनिश्चित किया कि देवकी की कोई भी संतान जीवित न रहे. इसके बादग कंस ने देवकी के सभी बच्चों को एक-एक करके निर्दयतापूर्वक मार डाला.

भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को उस समय हुआ था जब रोहिणी नक्षत्र चल रहा था. उनके इस संसार में आते ही पूरा कारागार प्रकाश से भर गया. एक दिव्य आवाज ने वासुदेव और देवकी को जगाया और कृष्ण को यमुना के पार अपने प्रिय मित्र नंदराज के यहां छोड़ने और उनकी नवजात कन्या को कंस को देने को कहा. वासुदेव ने ऐसा ही किया और कंस को कन्या दे दी.

कंस ने जब इस कन्या को मारने की कोशिश की, तो वह बस उसके हाथ से फिसल गई और आकाश में उड़ गई.  कन्या ने देवी का रूप धारण कर कंस से कहा कि मुझे मारने से तुम्हें क्या मिलेगा. तुम्हारा दुश्मन जन्म ले चुका है.  यह देखकर कंस चौंक गया और घबरा गया. इसके बाद कंस ने कृष्ण को मारने के लिए कई राक्षसों को भेजा. लेकिन कृष्ण ने उन सभी का वध कर दिया. जब कृष्ण बड़े हुए तो उन्होंने मामा कंस का वध किया और  अपने नाना उग्रसेन को सिंहासन पर विराजमान किया.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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